सीबीआई ने आईआईटी-गोवा के निदेशक बी के मिश्रा के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार मामले में करीब दो साल से चल रही जांच बंद कर दी है क्योंकि जांच के दौरान आय के ज्ञात स्रोत से अधिक सम्पत्ति होने की बात साबित नहीं हो पाई। मामले के सभी पहलुओं की जांच करने के बाद एजेंसी ने भुवनेश्वर में सीबीआई की विशेष अदालत में इस प्रकरण को बंद करने के लिये रिपोर्ट दाखिल की।
न्यायाधीश जी सी बेहरा ने जांच एजेन्सी की रिपोर्ट स्वीकार करते हुये जांच के दौरान एकत्र की गई सामग्री लौटाने का उसे निर्देश दिया। सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “जांच के तथ्य और परिस्थितियां (गोवा स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) भुवनेश्वर (ओडिशा) स्थित खनिज एवं पदार्थ प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएमएमटी) के तत्कालीन निदेशक एवं आरोपी बी कांता मिश्रा के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्तियां होने का आरोप जांच काल के दौरान साबित नहीं कर पाईं।”
मिश्रा ने हालांकि कहा कि “विश्वसनीय सूत्रों” से मिली जानकारी के आधार पर प्राथमिकी दर्ज करने वाली एजेंसी से उन्हें कोई गिला-शिकवा नहीं है लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि इससे उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है। मिश्रा ने कहा, “सीबीआई ने अपना काम पेशेवर तरीके से किया। उन्होंने आरोप पत्र दायर नहीं किया और मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं मिलने पर मामला बंद कर दिया।”
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सीबीआई ने “सूत्र से मिली जानकारी” के आधार पर मिश्रा के खिलाफ 2006 से 2016 के बीच 2.15 करोड़ रुपए की कथित रूप से आय के ज्ञात स्रोत से अधिक सम्पत्ति एकत्र करने के आरोप में मिश्रा और उनकी पत्नी के खिलाफ जून 2017 प्राथमिकी दर्ज की थी। मिश्रा ने इन आरोपों से इंकार किया था।