हैदराबाद : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने कहा है कि राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने पर पार्टी में नयी जान आ जाएगी, लेकिन नेतृत्व में इस बदलाव के बाद भी सोनिया गांधी भारतीय राजनीति में एक बड़ी भूमिका निभाती रहेंगी। राहुल गांधी की कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर संभावित ताजपोशी की खबरों के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नेतृत्व परिवर्तन मनोवैज्ञानिक रूप से पार्टी के लिए महत्वपूर्ण है। खुर्शीद ने पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि यह कई मायने में संगठनात्मक रूप से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह कुछ विशेष चीजें देता है…यह पार्टी में नया जोश भरेगा।
जैसे कि किसी भी देश में किसी संगठन में जब भी नेतृत्व परिवर्तन हुआ है उसने नयी उम्मीद पैदा की है। कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी में यह आम भावना है कि नेतृत्व में परिवर्तन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोग यदि सोचते हैं कि यह एक नियमित अभ्यास है, तो वे अदूरदर्शी हैं क्योंकि हमारे पास कांग्रेस की मौजूदा अध्यक्ष सोनिया गांधी का बहुत बड़ा मनोवैज्ञानिक और राजनीतिक कद है और नेतृत्व परिवर्तन से उसमें कमी नहीं आने जा रही है। कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्हें लगता है कि सोनिया गांधी राजनीति में एक बड़ी भूमिका निभाना जारी रखेंगी लेकिन वह किस तरह से उनमें सामंजस्य बिठाएंगी, इस बारे में उन्हें ही फैसला करना है।
खुर्शीद ने कहा कि उनके मुताबिक नेतृत्व परिवर्तन पार्टी में एक नयी रूर्जा का संचार करेगा और यह एक नये, युवा नेता ( राहुल गांधी) को खुल कर चीजों को आकार देने देगा, जैसा कि वह (राहुल) चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि राहुल आज वह काम करने में अक्षम हैं बल्कि उन्हें लगता है कि पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद राहुल को मनोवैज्ञानिक लाभ मिलेगा। खुर्शीद ने इस बात का जिक्र किया कि राहुल के काम करने का अपना तरीका है और कांग्रेस उपाध्यक्ष के पास काफी सारे नये विचार हैं। गौरतलब है कि हाल ही में अमेरिका में एक कार्यक्रम में राहुल ने कहा था कि पार्टी के कहने पर वह बागडोर संभालने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली ने पिछले हफ्ते संकेत दिया था कि राहुल अगले महीने की शुरूआत में पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं। हालांकि, खुर्शीद ने स्वीकार किया कि इस बारे में काफी अनिश्चितता है कि राहुल पार्टी की बागडोर कब संभालेंगे। उन्होंने कहा, मैं पूर्वानुमान नहीं लगारूंगा। लेकिन मुझे लगता है कि अधिक से अधिक लोग यह मानने लगे हैं कि यह आसन्न है। लेकिन इसके (राहुल के कमान संभालने) लिए किसी समय सीमा का अनुमान लगाना नादानी होगी क्योंकि इसके लिए कुछ आधार चाहिए होगा।