राजद सामाजिक न्याय के साथ आर्थिक न्याय के पक्षधर है : तेजस्वी यादव - Punjab Kesari
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राजद सामाजिक न्याय के साथ आर्थिक न्याय के पक्षधर है : तेजस्वी यादव

ये लगातार झूठ पर झूठ बोलते रहते हैं। उन्होंने कहा कि मंडल आयोग की सिफारिश को पूर्ण रूप

पटना : राजद धर्मनिरपेक्ष एवं सामाजिक न्याय के साथ आर्थिक न्याय की ओर बढ़ रही है। समाज में आर्थिक पक्ष मजबूत होने से समानता आयेगी। ये बातें टयूटर इंडिया द्वारा आहुत तेजस्वी की चौपाल में पूर्व उपमुख्यमंत्री सह प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कही। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पार्टी किसानों के कर्ज माफी के साथ उनके उत्पादित खाद्यानों में आय कैसे बढ़े इस पर खासे ध्यान देगी। राज्य में बेरोजगारों की फौज बढ़ गयी है।

देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रत्येक साल दो करोड़ युवाओं को नौकरी देने का झांसा देकर सरकार में आये थे। नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद युवाओं में काफी उम्मीदें थी कि पांच वर्षों में दस करोड़ युवाओं को रोजगार मिलेगा। साल दर साल बीतते गये एक भी युवा को रोजगार नहीं मिला। तब नाखुश युवाओं ने नरेन्द्र मोदी से रोजगार देने की मांग की तो उन्होंने कहा कि युवा रोजगार पाने हेतु पकौड़े की दुकान खोल लें, इससे युवा ठगा-सा महसूस कर रहे हैं। उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि युवा भटकाव में नहीं आये टीवी स्क्रीन पर आने वाली हर बातें को सोंच समझकर अपने देश व समाज के हक की लड़ाई लड़ें।

उन्होंने महिला उत्पीडऩ एवं बलात्कार जैसे पहलू पर कहा कि पुरूष प्रधान समाज में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। बिहार की धरती पर महिलाओं को सम्मान व देवी के रूप में देखा जाना चाहिए, इसके उत्पीडऩ पर त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए। महिलाओं के क्राइम पर स्पीडी ट्रायल करने की जरूरत है। इसके लिए जागरूकता लाने की पहल होनी चाहिए। उन्होंने आर्थिक रूप से गरीब सवर्णों के 10 प्रतिशत आरक्षण पर कहा कि केन्द्र सरकार ने रातोंरात संविधान में संशोधन कर संविधान का पार्ट बना लिया। क्योंकि आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्ण जिनका पांच एकड़ जमीन व आठ लाख रुपये से कम आये है उनको देने का प्रावधान किया है।

उस पर राजद की नाराजगी है, क्योंकि एक तरफ आठ लाख रुपये वाले सवर्णों से आयकर ले रहे हैं दूसरी तरफ पिछड़े एवं दलित लोगों के आरक्षण हेतु पिछड़ा वर्ग आयोग की अनुशंसा लागू की गयी, गरीबों को सर्वेक्षण कराकर लागू किया। लेकिन सवर्णों के दस फीसदी आरक्षण हेतु न तो किसी तरह का सर्वेक्षण कराया गया न ही सवर्ण आयोग बनाकर अनुशंसाए ली गयी। एकाएक मोदी सरकार द्वारा आधी रात में कैबिनेट में नीतिगत फैसला लाया गया, दूसरे दिन आनन-फानन में लोकसभा, तीसरे दिन राज्यसभा से पास करा लिया गया। यह संविधान संशोधन सवर्णों का झुनझुना है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि देश के प्रधानमंत्री मोदी जी झूठ बोलने की फैक्ट्री ही नहीं डिस्ट्रीब्यूटर भी हैं। ये लगातार झूठ पर झूठ बोलते रहते हैं। उन्होंने कहा कि मंडल आयोग की सिफारिश को पूर्ण रूप से लागू करने हेतु सडक़ से संसद तक प्रदर्शन करेंगे।

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