केरल में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां के कोझिकोड स्थित एक कॉलेज के प्रफेसर ने मुस्लिम गर्ल स्टूडेंट्स के कपड़ों को लेकर बेहद शर्मनाक बयान दिया है। जिसके बाद दो छात्राएं बयान के विरोध में फेसबुक पर टॉपलेस हो गईं। प्रोफेसर पर आरोप है उसने एक फीमेल स्टूडेंट्स के ब्रेस्ट की तुलना तरबूज से की थी। लड़की पर इस तरह की टिप्पणी करने की बात सामने आने पर सोशल मीडिया पर बवाल मच गया और प्रोफेसर का जमकर विरोध हुआ। सोमवार को यहां छात्राओं ने जबर्दस्त प्रदर्शन किया। (SFI) के तहत एक तरबूज मार्च निकाला। यहां छात्राएं हाथ में तरबूज के टुकड़े लेकर कॉलेज के मेन गेट तक प्रोफेसर जौहर मुनव्विर के बयान पर विरोध कर रही थीं।
लेकिन दो छात्राओं ने इसका विरोध करते हुए अपनी टॉपलेस फोटो फेसबुक पर शेयर कर दी। हालांकि, फेसबुक ने उन लड़कियों की तस्वीर फेसबुक से हटाते हुए उनका अकाउंट ब्लॉक कर दिया है। दरअसल मुस्लिम परिवारों को संबोधित करते हुए टीचर ने एक भाषण में कहा था कि लड़कियां आजकल हिजाब ठीक से नहीं पहनतीं और वह जानबूझकर अपना सीना दिखाती हैं जैसे कि डिस्प्ले पर रखे तरबूज की फांक हो। टीचर ने छात्राओं को अपने पर्दे के अंदर से लेगिंग को दिखाने पर भी आलोचना की।
जौहर ने कहा, ‘कैंपस में 80 प्रतिशत छात्राएं मुस्लिम हैं। वो पर्दा करती हैं, लेकिन इसको थोड़ा ऊपर रखती हैं ताकि उनकी लेगिंग्स दिखे।’ उन्होंने आगे कहा कि लड़कियां अब मुफ्ताह नहीं पहनती हैं लेकिन अपने सिर को स्कार्फ या शॉल से ढक लेती हैं। उन्होंने आगे कहा कि सीना महिलाओं का ऐसा हिस्सा है जो पुरुषों को आकर्षित करता है और इस्लाम इसे ढककर रखना सिखाता है। सोशल मीडिया पर इस वीडियो वायरल होने से स्टूडेंट्स और स्टाफ में तनातनी हो गई।
बता दें कि फारूक ट्रेनिंग कॉलेज और फारूक कॉलेज एक ही मैनेजमेंट के तहत आते हैं और एक ही कैंपस में स्थित है। वही प्रोफेसर की इस टिप्पणी का विरोध करते हुए विष्णु नाम के एक लड़के ने अपने पार्टनर की टॉपलेस तस्वीर पोस्ट की। इसी के बाद तिरुवंनतपुरम की रहने वाले एक यूजर ने ऐसी ही खुद की तस्वीर फेसबुक पर पोस्ट कर दी। टॉपलेस फोटो फेसबुक पर पोस्ट करने वाली लड़की का कहना है कि ये आपकी इच्छा है।
महिलाओं को अधिकार है कि वह जो पहनना चाहती हैं, उन्हें जो पसंद है वो पहन सकती हैं। साथ ही उन्होंने ये भी सवाल खड़ा किया कि कब हमारा समाज महिलाओं को निशाने पर लेना बंद करेगा? फारूक कॉलेज में एक सेंकड ईयर की स्टूडेंट सुफैला कहती हैं कि टीचर ने लड़कियों के आत्म सम्मान पर सवाल उठाया और आरोप लगाते हुए कहा कि छात्र-छात्राओं के कैंपस में मिलने पर मैनेजमेंट की ओर से प्रतिबंध के कारण विवाद हुआ था।
एसएफआई और केएसयू कार्यकर्ताओं ने विरोध के तौर पर कॉलेज गेट के बाहर होली भी खेली थी। फारूक ट्रेनिंग कॉलेज की प्रिसिंपल सीए जवाहर ने कहा कि भाषण तीन महीने पहले कॉलेज के बाहर दिया गया था ऐसे में कॉलेज ऐक्शन लेने के लिए सीमित है। उन्होंने कहा, ‘उन्हें इस मामले में कोई शिकायत नहीं मिली।’ इसी दौरान कुछ दूसरी छात्राओं के एक छोटे समूह ने प्रदर्शन का विरोध किया और कहा कि इसे कॉलेज की छवि खराब हो रही है।
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