माँ अंधविश्वासी होकर बुखार से तड़प रही अपनी 2 साल की बच्ची को गर्म सलाखों से जलाया - Punjab Kesari
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माँ अंधविश्वासी होकर बुखार से तड़प रही अपनी 2 साल की बच्ची को गर्म सलाखों से जलाया

आज भी कई ऐसे शहर एंव जिले जहां पर अंधविश्वास का दंश इतना गहरा है कि जिले के

आज भी कई ऐसे शहर एंव जिले जहां पर अंधविश्वास का दंश इतना गहरा है कि जिले के ग्रामीण इलाकों से आए दिन अंधविश्वास की दिलदहला देने वाली तस्वीरे सामने आती हैं। इन्हीं में से एक है रतलाम जिला। जी हां यहां पर ग्रामीण इलाकों में इतना ज्यादा कूट-कूट के अंधविश्वास लोगों के मन में भरा हुआ है कि मोबाइल चोरी का पता लगाने के लिए बच्चों के हाथों को खौलते हुए गर्म तेल में डाल दिया जाता है,तो कभी झाड़फूंक से इलाज की फोटोज सामने आती हैं। 
वहीं बच्चों के इलाज के नाम पर इतना ज्यादा अंधविश्वासी हो जाते हैं कि मासूमों को गर्म सलाखों से कई जगह से जलाया जाता है। लेकिन हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि इन अंधविश्वासियों पर मासूमों की चीख का जरा सा असर तक नहीं होता है।
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इसी बीच अंधविश्वास की एक ऐसी बेहद दर्दनाक फोटो जिले के गांव हरथल से सामने आई है जहां पर 2 साल की बीमार मासूम बच्ची को गर्म सलाखों से जलाने की घटना का पर्दाफाश हुआ है। यहां मासूम को बाल चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है,जहां पर उसका इलाज चल रहा है। 
दरअसल यहां पर एक 2 साल की मासूम बच्ची की पिछले 2 साल से तबीयत कुछ ठीक नहीं थी,उसे बुखार और झटके आ रहे थे। बच्ची के पिता मुकेश ने कहा कि बच्ची को उसकी मां ने लोहे की तार गर्म की और बच्ची के दोनों हाथों की कलाई और दोनों पैरों की एडी के ऊपर रख दिया। यहीं नहीं इस मां ने अपनी ही बच्ची के सीने पर यह गर्म सलाखें भी रख दी।
इस बच्ची के पैरों और हाथों में घाव हो गए हैं अब बच्ची गंभीर रूप से जख्मी हो गई है। बच्ची को बीती रात रतलाम के बाल चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। वहीं डॉ तेजसिंह देवड़ा ने बताया कि गांवों में आज भी इतना ज्यादा अंधविश्वास है कि बच्चों को गर्म वस्तुओं से जला दिया जाता है। ग्रामीणों में इस बात का अंधविश्वास है कि ऐसा करने से बीमारी जल्दी ही दूर हो जाती है,जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है। बल्कि बच्चों के साथ ऐसा करने से उन मासूमों की हालत और भी ज्यादा गंभीर हो जाती है। 
पीडि़ता बच्ची जिसका नाम निरमा बताया जा रहा है उसे तेज बुखार था और तेज बुखार में झटके आते हैं। ग्रामीणों के अंधविश्वास के चलते ऐसा होने पर यदि बच्चे को जला दिया जाए तो इससे झटके आने बंद हो जाते हैं। इसके लिए बच्ची की मां डांम भी लगा दिया,फिलहाल बच्ची की हालत स्थिर है और उसका इलाज किया जा रहा है। बता दें कि यह कोई पहली घटना नहीं जब रतलाम के ग्रामीण इलाके से कोई दिलदहला देने वाला मामला सामने आया हो इससे पहले भी कई और ऐसे चौंका देने वाली घटनाएं सामने आती रही हैं।  

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