मध्य प्रदेश : झाबुआ के उपचुनाव में जीत के लिए भाजपा ने ताकत झोंकी - Punjab Kesari
Girl in a jacket

मध्य प्रदेश : झाबुआ के उपचुनाव में जीत के लिए भाजपा ने ताकत झोंकी

मध्य प्रदेश के झाबुआ विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव भारतीय जनता पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया

मध्य प्रदेश के झाबुआ विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है। पार्टी ने यहां अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। तमाम बड़े नेताओं के दौरे हो रहे हैं और वे कांग्रेस की कमलनाथ सरकार पर जमकर हमले बोल रहे हैं। बीते साल हुए विधानसभा चुनाव में झाबुआ में भाजपा के जी. एस. डामोर ने कांग्रेस के विक्रांत भूरिया को शिकस्त दी थी। 
भाजपा ने लोकसभा चुनाव में झाबुआ से डामोर को उम्मीदवार बनाया और उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार कांतिलाल भूरिया को शिकस्त दी थी। इसी के चलते झाबुआ विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव हो रहा है। भाजपा ने जहां भानु भूरिया को उम्मीदवार बनाया है, वहीं कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया को मैदान में उतारा है। भाजपा इस चुनाव को लेकर काफी गंभीर है और हर हाल में जीत चाहती है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार यहां जनसंपर्क और जनसभाएं कर रहे हैं। 
भाजपा नेताओं का कहना है कि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने जो वादे किए थे, उन्हें पूरा नहीं किया है और इस चुनाव में आदिवासी उन्हें वादे पूरे न करने का जवाब देंगे। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है, “इस चुनाव में कांग्रेस के नेता फिर आएंगे लुभावने वादे करेंगे और चुनाव होने के बाद सब भूल जाएंगे। यह झूठे वादे करने वाली सरकार और पार्टी को जवाब देने का मौका है।”
भाजपा के मुख्य प्रवक्ता डॉक्टर दीपक विजयवर्गीय का कहना है, “झाबुआ उपचुनाव में भाजपा की जीत तय है, क्योंकि कांग्रेस ने कांतिलाल भूरिया को एक बार फिर उम्मीदवार बनाया है और वहां की जनता उनसे नाराज है। इतना ही नहीं कांग्रेस सरकार के आठ माह का कार्यकाल पूरी तरह वादाखिलाफी का कार्यकाल रहा है। इसका असर चुनाव नतीजों पर पड़ना तय है।” 
वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता अजय यादव का कहना है, “भारतीय जनता पार्टी को यहां जीत की संभावना बिल्कुल नहीं है। यही कारण है कि उसने तमाम बड़े नेताओं को चुनाव मैदान में उतार दिया है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सिर्फ इसलिए हार गई थी कि उसकी पार्टी के नेता जेवियर बागी होकर चुनाव लड़े थे। इस बार स्थिति अलग है और यहां कांग्रेस की जीत लगभग तय है। जेवियर मेडा कांग्रेस में हैं और कांग्रेस उम्मीदवार के लिए प्रचार कर रहे हैं।” 
उल्लेखनीय है कि झाबुआ विधानसभा चुनाव कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण है। एक तरफ जहां यह कांग्रेस सरकार के आठ माह के कामकाज का लिटमस टेस्ट है, वहीं दूसरी ओर भाजपा इस चुनाव के जरिए कांग्रेस के खिलाफ पनप रहे असंतोष को भुनाना चाह रही है। 
राज्य की 230 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास पूर्ण बहुमत नहीं है और बाहरी समर्थन से यह सरकार चल रही है। कांग्रेस के 114 विधायक हैं और भाजपा के 108 विधायक। यही कारण है कि भाजपा इस विधानसभा उपचुनाव को जीतकर वर्तमान सरकार के सामने संकट खड़ा करने की तैयारी कर सकती है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।