ऑल इंडिया मजलिस–इत्तेहादुल मुस्लमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने आज आरोप लगाया कि 2007 के मक्का मस्जिद विस्फोट मामले को आतंकवाद निरोधक जांच एजेंसी एनआईए ने सही तरीके से अदालत में नहीं रखा। हैदराबाद से लोकसभा सदस्य ओवैसी ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट पर आरोप लगाए कि मक्का मस्जिद विस्फोट मामले में अधिकतर गवाह जून 2014 के बाद से मुकर गए और एनआईए ने या तो मामले को ठीक तरीके से अदालत में नहीं रखा जैसा कि उससे उम्मीद की जा रही थी या उसे राजनैतिक आकाओं ने ऐसा नहीं करने दिया।
ओवैसी ने कहा कि ‘‘मामले में न्याय नहीं हुआ है। अगर इस तरह से पक्षपातपूर्ण अभियोजन जारी रहा तो आपराधिक न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़े होंगे।’’ओवैसी ने कहा, ‘‘न्याय नहीं हुआ है। एनआईए और मोदी सरकार ने जमानत के खिलाफ अपील नहीं की जो आरोपियों को 90 दिन के अंदर दे दिए गए। यह पूरी तरह पक्षपातूपर्ण जांच थी जो आतंकवाद से लड़ने के हमारे संकल्प को कमजोर करेगी।’’ एनआईए की विशेष अदालत ने मामले में स्वामी असीमानंद सहित पांच लोगों को आज बरी कर दिया। विस्फोट में नौ लोगों की मौत हो गई थी और 58 जख्मी हो गए थे।
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