कोरोना वायरस महामारी के नए और संभावित रूप से अधिक खतरनाक संस्करण ओमीक्रॉन ने पूरे विश्व में भय का माहौल बना दिया है। वहीं इस संक्रमण की चपेट में आने से भारत की बच नहीं सका है, भारत के कई राज्यों में ओमीक्रॉन के मामले सामने आये हैं जिसमे सबसे आगे महाराष्ट्र है। वहीं खबर सामने आ रही है कि ठाणे जिले में हाल ही में 295 विदेशी आए हैं, जिनमें से 109 यात्री गायब हो गए हैं।
यात्रियों के फोन स्विच ऑफ, पते भी हैं गलत
कल्याण-डोंबिवली नगर निगम (केडीएमसी) के प्रमुख विजय सूर्यवंशी ने बताया कि इन गायब हुए यात्रियों में से कुछ लोगों के मोबाइल फोन बंद थे, इसके अलावा कई यात्रियों ने जो पता दिया था उस पते पर ताला लटका हुआ है। सूर्यवंशी ने आगे बताया कि सभी ‘जोखिम वाले’ देशों (केंद्र द्वारा पहचाने गए) से केडीएमसी सीमा पर लौटने वालों के लिए आठवें दिन कोविड संक्रमण का पता लगाने के लिए 7-दिन के होम क्वारंटीन और एक टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है।
सूर्यवंशी ने कहा कि “अगर टेस्ट नेगेटिव है, तो लोगों को एक और 7-दिन के होम क्वारंटीन से गुजरना होगा और यह सुनिश्चित करने के लिए हाउसिंग सोसाइटी के सदस्यों का कर्तव्य होगा कि मानदंड का उल्लंघन न हो। उल्लंघनों को रोकने के लिए विवाह, सभा आदि पर नजर रखी जा रही है।”
2 लोगों में हुई ओमीक्रॉन की पुष्टि, कोई लक्षण नहीं
इस बीच, मुंबई में दो लोग ओमिक्रॉन से संक्रमित पाए गए, जिससे पूरे देश में महाराष्ट्र में ऐसे मामलों की संख्या 10 और 23 हो गई। अधिकारियों के अनुसार, मुंबई में ओमिक्रॉन से संक्रमित पाए गए दोनों लोगों में कोई लक्षण नहीं हैं। अधिकारियों ने कहा कि एक 37 वर्षीय व्यक्ति जो दक्षिण अफ्रीका से मुंबई आया था और उसका 36 वर्षीय दोस्त जो संयुक्त राज्य अमेरिका से शहर आया था, उनका कोविड टेस्ट पॉजिटिव आया।
जानिए कहां-कहां तक पंहुचा ओमीक्रॉन
महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक और दिल्ली के स्थानों से ओमीक्रॉन प्रकार के मामले सामने आए हैं। वैरिएंट के पहले 2 मामले पिछले हफ्ते बेंगलुरु से सामने आए थे। ओमीक्रॉन वेरिएंट का पता पहली बार पिछले महीने दक्षिणी अफ्रीका के बोत्सवाना में लगाया गया था। तब से यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी और संयुक्त राज्य अमेरिका सहित कई देशों में वेरिएंट का पता चला है।
WHO ने जनता को सतर्क रहने की दी चेतावनी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ओमीक्रॉन को ‘चिंता का विषय’ श्रेणी में रखा है और लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है। विशेषज्ञों को अभी यह निर्धारित करना बाकी है कि क्या इस प्रकार के मामले गंभीर चरण में प्रगति करते हैं, या टीकों को इससे निपटने के लिए फिर से काम करने की आवश्यकता होगी।