उत्तराखंड के कोटद्वार से एक दिलदहला देने वाला मामला सामने आया है। जहां पर बीरोंखाल ब्लाक की 11 साल की बच्ची राखी ने अपनी जान की परवाह किए बिना गुलदार से अपने मासूम भाई को मौत के मुंह से बाहर निकाला है। जैसे ही गुलदार ने राखी के भाई पर हमला किया तो वह अपने भाई से लिपट गई लेकिन जरूरी बात की गुलदार के लगातार हमला करने के बावजूद भी उसने अपने भाई को कस के पकड़ा हुआ था।
अपने भाई की ढाल बनी राखी की वजह से उसका भाई आज सही सलामत है। उसे प्राथमिक उपचार के बाद अस्पातल से छुट्टी मिल गई,लेकिन राखी गंभीर रूप से घायल हो गई। फिलहाल उसका दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज चल रहा है। देवकुंडाई गांव के दलवीर सिंह रावत गांव में खेतीबाड़ी करते हैं।
उनकी बेटी राखी राजकीय प्राथमिक विद्यालय सरकंडाई में कक्षा पांच की स्टूडेंट की छात्रा है। उसकी दो बहनें और एक चार साल का छोटट भाई राघव है। राघव आंगनबाड़ी में पढ़ रहा है। तीनों बहनें उसे जी जान से प्यार करती है। वहीं राखी की मां शालिनी देवी ने बताया कि शुक्रवार दोपहर वो खेत में काम करने गई थीं। उनका बेटा राघव भी उनके साथ गया था।
वापस आते समय भाई राघव को कंधे पर बैठाकर मां से आगे-आगे चल रही थी। इसी दौरान रास्ते में घात लगाए बैठे गुलदार ने राघव पर हमला कर दिया। तभी राखी ने अपने भाई को गुलदार के पंजो से बचाकर अपने सीने से चिपका लिया। वहीं गुलदार राखी पर पंजे और दांत से लगातार वार करता रहा,लेकिन वो गुलदार का वार सहती रही मगर उसने अपने भाई का पूरा-पूरा बचाव किया।
पीछे आ रही मां शालिनी का यह नजारा देख उनकी चीख निकल गई। उन्होंने मदद के लिए चिल्लाना शुरू कर दिया। वहीं राखी की बहादूरी के आगे गुलदार को हार माननी पड़ी और वो वहां से भाग गया। गुलदार के जाने पर भाई को सही सलामत देखने के बाद राखी वहीं बेहोश हो गई।
राखी के सिर की हड्डी फैक्चर हो गई,साथ ही गुलदार के पंजों और दातों से उसके शरीर पर कई जख्म हो गए हैं। राखी को कोटद्वार बेस अस्पताल ले जाया गया। जहां से उसे ऋषिकेश के एम्स में रेफर कर दिया गया। वहीं राघव भी थोड़ा जख्मी हुआ,लेकिन उसे प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी मिल गई।