मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) पोलित ब्यूरो के सदस्य एवं त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) इंडियन पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा(आईपीएफटी) सरकार पर आरोप लगाया कि वह कल्याणकारी सुशासन को भूलाकर राज्य को एक व्यावसायिक संस्थान बनाने का प्रयास कर रही है।
सरकार ने यहां पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने सरकारी उर्वरक संग्रहण केंद्रो को निजी क्षेत्र को लीज पर दिये जाने की घोषणा की है और किसानों को उर्वरकों का वितरण भी शीघ्र ही वापस ले लेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार राज्य की जनता को झूठे वादों के जरिए भ्रमित कर रही है।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने वादा किया था कि राज्य का व्यापक विकास होगा, लेकिन डेढ़ वर्ष गुजर जाने के बाद मुख्यमंत्री आत्मनिर्भर होने की बात कहते हुए केंद्र से फंड की मांग नहीं कर रहे हैं। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा,‘‘क्या आजादी के बाद देश के अन्य हिस्सों की तरह त्रिपुरा को समान अवसर मिला है। हम दूसरे राज्यों की तरह स्थापित हो सकते हैं, लेकिन यहां अन्यत्र की तरह बराबर निवेश नहीं हुआ।
पूर्वोत्तर राज्य अभी भी बुनियादी ढांचे के लिहाज से पिछड़ा हैं। केंद्र की सहायता के बगैर कुछ कैसे हो सकता है।’’ पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘राज्य की भाजपा नीत सरकार अब गरीब लोगों की जेबें काटकर अर्थव्यवस्था मजबूत करना चाहती है।
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व्यावसायियों को गंभीर आर्थिक संकट भुगतना पड़ रहा है। बाजार मंदा है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था बिगड़ चुकी है और लोगों की क्रयशक्ति में काफी गिरावट आई है। पेट्रोल, डीजल और गैस के दाम बढ़ते जा रहे हैं और लोगों पर करों का बोझ लाद दिया गया है।’’ उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपने चुनावी वादों को 70 प्रतिशत वादा पूरा किए जाने का दावा किया है, लेकिन यह पूरी तरह असत्य है।