भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और देश के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पूर्वोत्तर के असम राज्य के दौरे पर है। ऐसे में अमित शाह ने इस दौरान कई समारोह में भाग लिया और कई परियोजनाओं की शुरूआत की। अमित शाह ने मंगलवार को पिछले 25 सालों में अनुकरणीय सेवा के लिए असम पुलिस को ‘प्रेसीडेंट्स कलर’ (राष्ट्रपति के ध्वज) से सम्मानित किया।
यह सम्मान पाने वाला 10वां राज्य बना असम
बता दें कि ध्वज पर असम के नक्शे, राज्य के जिलों का प्रतिनिधित्व करने वाले 36 सितारे, एक सींग वाले गैंडे और असम पुलिस की आदर्श पंक्ति व प्रतीक चिन्ह को बनाया गया है। असम इससे सम्मानित किया गया देश का 10वां राज्य है। ‘प्रेसीडेंट्स कलर’ , शांति और युद्ध के दौरान राष्ट्र की अनुकरणीय सेवा के लिए किसी भी सैन्य या पुलिस इकाई को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा रहे मौजूद
शाह ने अलंकरण परेड समारोह में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत की उपस्थिति में राज्य पुलिस को यह सम्मान दिया। केंद्रीय गृह मंत्री दो दिवसीय असम दौरे पर हैं। शाह ने कहा कि पूरे असम से सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA) की वापसी सुनिश्चित करने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कानून और व्यवस्था में सुधार और आतंकवादी संगठनों के साथ शांति समझौते के कारण अफस्पा को आंशिक रूप से वापस ले लिया गया है, जिसने पूर्वोत्तर राज्य में सेना को किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से छूट दी है।
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शाह ने इस मामले के लिए मुख्यमंत्री सरमा की तारीफ की
शाह ने ज्यादातर उग्रवादी संगठनों को शांति की मेज पर लाने के लिए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की सराहना की। गृह मंत्री ने कहा, “वह दिन दूर नहीं जब पूरा राज्य उग्रवाद और हिंसा से पूरी तरह मुक्त हो जाएगा। 1990 के दशक में असम में AFSPA लागू किया गया था। इसे सात बार बढ़ाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन के आठ वर्षों के बाद अधिनियम को 23 जिलों से और आंशिक रूप से एक जिले से हटा दिया गया। मुझे विश्वास है कि जल्द ही इसे पूरे राज्य से पूरी तरह से हटा लिया जाएगा।”
जानें क्या होता है आफस्पा
आफस्पा के तहत किसी क्षेत्र में सैन्य बलों को उपद्रव को शांत करने के लिए विशेष अधिकार हासिल होते हैं और उनके द्वारा की गई कार्रवाई कानूनी जवाबदेही से मुक्त होती है। इसे मेघालय से 2018 में, त्रिपुरा से 2015 और 1980 के दशक में मिजोरम से पूरी तरह हटा लिया गया था। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को पूर्वोत्तर में आफस्पा के तहत घोषित ‘अशांत क्षेत्रों’ की संख्या में कटौती की घोषणा की थी।