देहरादून : अधिक से अधिक पशुपालकों को पशुबीमा का लाभ दिलाने के लिए राष्ट्रीय पशुधन मिशन के अतिरिक्त राज्य स्तर पर भी कार्ययोजना बनाकर प्रावधान किया जाए। पशुपालन विभाग में संचालित विभिन्न योजनाओं के दीर्घकालिक लक्ष्य भी निर्धारित किए जाएं। लक्ष्यों की प्रगति की नियमित समीक्षा सुनिश्चित की जाए। सचिवालय में पशुपालन विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उक्त निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि बद्री गाय के दूध उत्पादन के औसत को बढ़ाने के लिए भी विशेष ध्यान दिया जाए। पशु उत्पादों का लक्ष्य इतना रखा जाए कि स्थानीय मांग पूरी हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजकीय पशु प्रजनन प्रक्षेत्र, कालसी में भ्रूण प्रत्यारोपण की अत्याधुनिक तकनीक उपलब्ध है। इसे दूसरे राज्यों में भी प्रचारित किया जाए। भेड़-बकरी पालन की प्रगति की पिछले दस वर्षों की जिलावार रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
बद्री नस्ल की गायों के लिए नरियाल गांव, चम्पावत में स्थापित पशु प्रजनन प्रक्षेत्र के लिए 10 वर्ष की कार्ययोजना बनाएं। बैठक में बताया गया कि वर्ष 2016-17 की तुलना में वर्ष 2018-19 में दुग्ध उत्पादन में 6 प्रतिशत, अण्डा उत्पादन में 10 प्रतिशत, मांस उत्पादन में 2.75 प्रतिशत व ऊन उत्पादन में 2.55 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्ष 2019-20 में माह अगस्त 2019 तक 2.24 लाख कृत्रिम गर्भाधान किये गये और 1.1 लाख संतति उत्पन्न हुई हैं।