गोवा खनन घोटाले से जुड़े केस की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने 15 मार्च तक के लिए गोवा की सभी खदानें बंद करने का आदेश दे दिया है। जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने आदेश दिया कि अब नई नीति के तहत खदानों का आवंटन होगा। इसके लिए नई खदानों को फिर से पर्यावरणीय मंजूरी लेनी होगी। गोवा सरकार ने 2015 में कंपनियों को 20 साल के लिए खदान के लाइसेंस दिए थे। ये लाइसेंस पिछली तिथि से प्रभावी थे। कोर्ट ने नियमों का उल्लंघन कर की गई माइनिंग की SIT जांच में तेजी लाने और रिकवरी किए जाने के भी आदेश दिए हैं।
कोर्ट के आदेशानुसार कंपनियों को 16 मार्च तक कामकाज समेटना होगा। साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को नीलामी के ज़रिए नये सिरे से खदान लाइसेंस देने को कहा है। बता दें कि गोवा में खनन घोटाला एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा रहा है और इसमें कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम दिगम्बर कामत से भी SIT पूछताछ हो चुकी है। बता दें कि इस मामले में गोवा फाउंडेशन की तरफ से याचिका दायर की गई है। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि गोवा में माइनिंग लीज़ के लिए सरकार नए सिरे से नीलामी करवाए। बता दें कि इस मामले में आरोप है कि तत्काली गोवा की कांग्रेस सरकार ने 88 खानों के लीज गलत तरीके से कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए आवंटित किया था। इस मामले में गोवा सरकार का कहना है कि सभी निश्चित प्रक्रियाओं का लीज आवंटन में पालन किया गया है।
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