महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की गिरफ्तारी को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रवक्ता नवाब मलिक ने मंगलवार को खोला मोर्चा। इस मामले में मलिक ने आरोप लगाया कि राजनीति से प्रेरित है कार्रवाई, राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार के नेताओं की छवि खराब करने के मकसद से की गई। केंद्र पर निशाना साधते हुए, महाराष्ट्र सरकार में मंत्री मलिक ने कहा कि सत्ता का दुरुपयोग कर नेताओं को डराना बंद किया जाना चाहिए। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “देशमुख की गिरफ्तारी की समूची कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है।
यह महा विकास आघाड़ी (शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन) के नेताओं को डराने के मकसद से की गई।” प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राज्य पुलिस प्रतिष्ठान में कथित वसूली गिरोह से जुड़े धनशोधन के एक मामले में करीब 12 घंटे की पूछताछ के बाद देशमुख को सोमवार देर रात गिरफ्तार कर लिया था। इस बीच, देशमुख की गिरफ्तारी पर खुशी जाहिर करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी की कार्रवाई का सामना करने की अगली बारी शिवसेना के मंत्री अनिल परब की है।
परब की ओर से दाखिल 100 करोड़ रुपये के मानहानि संबंधी वाद में सोमैया को 23 दिसंबर को बंबई हाई कोर्ट में पेश होने को कहा गया है। उन्होंने कहा, “अब हमें पता चल जाएगा कि देशमुख द्वारा जमा किए गए 100 करोड़ रुपये कहां गए।” सोमैया ने आरोप लगाया है कि राज्य के परिवहन मंत्री, परब ने पर्यावरण विभाग की मंजूरी के बिना रत्नागिरि जिले में समुद्र के किनारे रि़जॉर्ट का निर्माण कार्य शुरू किया।