दिलीप कुमार बांद्रा की जमीन के लिए 999 सालों तक 'पट्टेदार' : संपत्ति ट्रस्टी - Punjab Kesari
Girl in a jacket

दिलीप कुमार बांद्रा की जमीन के लिए 999 सालों तक ‘पट्टेदार’ : संपत्ति ट्रस्टी

नंबर-34 में रह रहे हैं। सायरा बानो पहले ही ऐलान कर चुकी है कि वह नंबर-16 वाली जगह

मुंबई के एक बिल्डर के साथ बांद्रा इलाके में बंगले की जमीन को लेकर चल रहे विवाद में दिग्गज बॉलीवुड अभिनेता दिलीप कुमार को रविवार को बड़ा सहारा मिला। संपत्ति के असली मालिकों, सेठ मूलराज खटाऊ ट्रस्ट (एसएमकेटी) ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अभिनेता संपत्ति के स्थायी पट्टेदार हैं न कि किरायेदार, जैसा कि कहने की कोशिश की जा रही है।

ट्रस्टी ने कहा कि दिलीप कुमार के पास इस संपत्ति का 999 सालों तक के लिए पट्टा है। एसएमकेटी द्वारा अपने वकील अल्तमश शेख के हवाले से शनिवार-रविवार को मीडिया में जारी एक प्रमुख सार्वजनिक नोटिस में कहा गया कि संपत्ति के किराये का रूप पहले ही बदल चुका है और ‘लीज अभी भी वैध है।’ यह सार्वजनिक नोटिस दिवंगत सुनीत सी. खटाऊ के कानूनी उत्तारधिकारियों, एसएमकेटी सेटलमेंट के लाभार्थियों और दिवंगत चंद्रकांत एम. खटाऊ के ट्रस्टी में से एक की ओर से जारी की गई है।

 हाई-प्रोफाइल विवाद में यह नई बात तब सामने आई है, जब दिलीप कुमार (96) और सायरा बानो (74) ने बिल्डर समीर एन. भोजवानी को 250 करोड़ रुपये का मानहानि का नोटिस भेजा, जिसे सबसे पहले चार जनवरी 2019 को आईएनएनएस द्वारा प्रकाश में लाया गया था। इससे पहले, सेलेब्रिटी दंपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से अपील की थी, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर जवाबी पलटवार करते हुए भोजवानी को मानहानि का नोटिस भेज दिया।

 यह विवाद दिलीप कुमार के पाली हिल बंगला नंबर-16 को लेकर है, जो 1,600 वर्गमीटर के भूखंड पर है। कहा जाता है कि इसकी कीमत 250 करोड़ रुपये से अधिक है। अभिनेता 2003 में पत्नी के साथ बांद्रा पश्चिम के उसी इलाके में बंगला नंबर-34 में रह रहे हैं। सायरा बानो पहले ही ऐलान कर चुकी है कि वह नंबर-16 वाली जगह पर दिलीप कुमार की याद में एक संग्रहालय का निर्माण कराएंगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।