देहरादून : पंचायत चुनाव में दो से अधिक बच्चों वाले उम्मीदवारों के नामांकन को अयोग्य घोषित करने के फैसले पर उत्तराखंड सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। उत्तराखंड सरकार के फैसले पर उत्तराखंड हाई कोर्ट के स्टे आदेश पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया। पंचायत चुनाव में दो से अधिक बच्चों वाले उम्मीदवारों के नामांकन को अयोग्य घोषित करने के फैसले पर उत्तराखंड सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है।
उत्तराखंड सरकार के फैसले पर उत्तराखंड हाई कोर्ट के स्टे आदेश पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि पांच अक्टूबर को होने वाले चुनाव में कोर्ट दखल नहीं देगा, इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता रहे पक्षकारों को भी नोटिस जारी किया।
पंचायत चुनाव में दो से अधिक बच्चों वाले उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित करने वाले पंचायती राज संशोधन एक्ट को हाई कोर्ट से रद्द करने के मामले में उत्तराखंड सरकार ने कहा कि ये राष्ट्रहित में नहीं होगा कि दो बच्चे से ज्यादा वाले उम्मीदवार चुनाव लड़े। सरकार ने उत्तराखंड हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
दो से अधिक बच्चों वाले भी भाजपा की प्रत्याशी सूची में
प्रदेश सरकार पंचायत चुनाव में दो से अधिक बच्चों वाले लोगों के चुनाव नहीं लड़ने देने के पक्ष में है, लेकिन भाजपा ने चुनाव में कुछ ऐसे उम्मीदवार तय कर दिए हैं, जिनके दो से अधिक बच्चे हैं। हाईकोर्ट के दो बच्चों पर आए फैसले के खिलाफ त्रिवेंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई, लेकिन भाजपा ने तीन बच्चों वाले प्रत्याशियों को सूची से बाहर नहीं किया है। ऊधमसिंह नगर में जिला पंचायत सदस्य के लिए प्रत्याशी घोषणा में ऐसे दो मामलों की शिकायत हुई है।
पार्टी ने नहीं किया था बदलाव
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने साफ किया था कि इस संशोधन को लागू करने की कट ऑफ डेट 25 जुलाई 2019 होगी। मतलब इस तारीख के बाद दो से अधिक बच्चे वाले प्रत्याशी पंचायत चुनाव लड़ने के अयोग्य माने जाएंगे, जबकि 25 जुलाई 2019 से पहले जिसके तीन बच्चे हैं, वह चुनाव लड़ सकते हैं। प्रदेश भाजपा की दो दिन पहले जारी जिला पंचायत सदस्यों के लिए प्रत्याशी सूची में तीन से अधिक बच्चे वाले भी शामिल हैं। इसको लेकर कुछ भाजपा नेताओं ने आपत्ति भी जताई, लेकिन उसमें पार्टी ने बदलाव नहीं किया।
पार्टी ने जारी सूची में ऊधमसिंह नगर की खटीमा विधानसभा के तहत आने वाले जिला पंचायत सदस्य के एक निर्वाचन क्षेत्र में तीन बच्चों वाली महिला प्रत्याशी को टिकट दिया है। इसके अलावा जनपद की एक अन्य महिला प्रत्याशी के भी दो से अधिक बच्चे हैं, जिनकी सूचना पार्टी फोरम पर पदाधिकारियों को दे दी गई थी, लेकिन अभी तक पार्टी ने इसमें बदलाव नहीं किया है।