झारखंड में शुरू होगी स्वास्थ्य बीमा योजना - Punjab Kesari
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झारखंड में शुरू होगी स्वास्थ्य बीमा योजना

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रांची, (वार्ता): झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती (25 सितम्बर) पर समस्त राज्यवासियों के लिये मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना की शुरुआत करने की घोषणा की। श्री दास ने यहां केंद्र सरकार के स्वास्थ्य सचिव सी.के. मिश्र की उपस्थिति में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक के बाद कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती (25 सितम्बर)पर समस्त राज्यवासियों के लिये मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना की शुरुआत होगी। संताल परगना के चार जिलों में अब भी विद्यमान कालाजार से झारखंड मुक्त होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संथालपरगना के चार जिलों दुमका, साहेबगंज, पाकुड़ एवं गोड्डा में विशेष अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कस्तुरबा बालिका आवासीय विद्यालय की बच्चियां अपने सामाजिक सेवा शिक्षण के अंतर्गत कम से कम 05 गांव में स्वास्थ्य जागरूकता अभियान चलाये जो विद्यालय सबसे प्रभावकारी परिणाम दर्शायेगा उसे 01 लाख रुपये का पुरस्कार भी दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि ये बच्चियां दूसरों को जागरूक करने क्रम में स्वयं भी जागरूक होंगी तथा ग्रामीणों पर इनकी बातों का विशेष प्रभाव पड़ेगा।

स्वास्थ्य सचिव ने झारखंड में सकारात्मक बदलाव और विकास की दिशा में मजबूत पहल करने के लिये राज्य सरकार को बधाई देते हुये कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में केन्द्र और राज्य मिलकर काम करेगी। केन्द्र हर संभव सहयोग प्रदान करेगा। कालाजार, सुरक्षित मातृत्व और मातृ मृत्यु दर आदि पर विषेष फोकस करते हुये कार्य करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के नये तीन मेडिकल कॉलेज जिनका शिलान्यास किया गया है, उनमें अगले शिक्षण सत्र से पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक पहल किये जाये।

हर हाल में अगले सत्र से एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू हो जानी चाहिए। उन्होंने तीन और मेडिकल कॉलेजों की स्वीकृति के संदर्भ में केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव से विशेष पहल की अपेक्षा की। इस पर श्री मिश्रा ने कहा कि वर्ष 2019 तक देवघर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) कार्य करने लगेगा। श्री दास ने कहा कि रांची के कांके स्थित सीआईपी को भी देश के सर्वश्रेष्ठ मेडिकल संस्थानों में एक बनाने में केन्द्र से मदद की उम्मीद है। उन्होंने विभाग को रांची आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में किस क्षेत्र के और किन बिमारियों के लिये अधिक मरीज आते हैं का खाका तैयार करने को कहा है।

उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल राज्य की रीढ़ हैं। इसे पूरी तरह मजबूत बनाये रखना सरकार की प्रतिबद्धताओं में शामिल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी अस्पताल, स्वास्थ्य केन्द्र पर कोई चिकित्सक या एएनएम अनुपस्थित रहते हैं तो सिविल सर्जन के विरुद्ध सीधी और सख्त कार्रवाई की जायेगी। सिविल सर्जन सहित सभी जिला स्तरीय अधिकारियों का पहला दायित्व है कि वे अपने अधीनस्थ कार्यालयों पर कड़ा नियंत्रण बनाये रखें।

वे अधिकारी जिनमें जिम्मेवारी का अहसास नहीं है वे नौकारी छोड़ दें। बैठक में केंद्र सरकार के स्वास्थ्य सचिव के अलावा मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग सुधीर त्रिपाठी, मुख्यमंत्री के सचिव सुनील कुमार बर्णवाल, एनएचएम के निदेशक कृपानंद झा सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

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