रायपुर : छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार द्वारा किसानों की कर्ज माफी के बाद इसका अनुसरण राजस्थान सरकार भी करने जा रही है। राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने भी किसानों के अल्पकालीन कृषि ऋण माफ करने का फैसला लिया है। इसके बाद अब राजस्थान सरकार की ओर से एक अध्ययन दल छत्तीसगढ़ आकर कर्ज माफी की स्थिति का अध्ययन करेगा। राज्य में सत्ता संभालते ही भूपेश सरकार ने किसानों का अलपकालीन कृषि ऋण माफ कर दिया था।
इस फैसले को सभी राज्यों में सराहा गया। वहीं मप्र में भी किसानों की कर्ज माफी की गई। अब कांग्रेस की राजस्थान सरकार भी इसी दिशा में आगे बढ़ रही है। सरकार के इस फैसले को अहम माना जा रहा है। राजस्थान से अफसरों का दल यहां आकर कर्ज माफी के बाद की प्रक्रियाओं और लाभान्वित किसानों के मापदंड की स्थिति का अध्ययन करेगा।
वहीं गुण दोष के आधार पर फैसले लेगा। राजस्थान के वित्त विभाग के निर्देशक की अगुवाई में इसी सप्ताह यह दल छत्तीसगढ़ के दौरे पर पहुंच रहा है। इस दौरान कृषि विभाग के अफसरों समेत मुख्यमंत्री से भी मुलाकात होगी। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने 19 लाख किसानों के 11 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज माफ किया है।
इस फैसले के बाद बाजार में भी रौनक लौटी है। कांग्रेस शासित राज्यों में किसानों की स्थिति सुधारने की पहल वहीं इससे पूर्व के वर्षों में किसान आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे थे। कर्ज माफी के बाद आर्थिक दबाव में चल रहे किसानों को राहत मिली। किसानों की कर्ज माफी के साथ धान की कीमत प्रति क्विंटल 2500 रूपए का असर भी बाजार में देखने को मिला।
किसानों को मिलने वाला पैसा बाजार में आने से मंदी से राज्य बेअसर रहा है। सरकार भी इसी तरह के दावे कर रही है। माना जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान ने अपने शासित राज्यों में किसानों की स्थिति सुधारने की पहल की है। यही पजह है कि अब राजस्थान कर्ज माफी का फैसला लेने वाला चौथा राज्य बन गया है।