केरल सेंट थॉमस सेंट्रल स्कूल के 16 वर्षीय स्टूडेंट को एक छात्रा से गले मिलने पर निष्कासित करने के मामले में हाईकोर्ट ने छात्र को स्कूल से निकालने के फैसले को बरकरार रखा है। 11वीं में पढ़ने वाली छात्रा ने एक आर्टस कॉम्पिटीशन में प्राइज जीता था, इस मौके पर छात्र उससे गले मिला था। यह वहां मौजूद शिक्षकों को अनुचित लगा। इसके बाद छात्र ने सोशल मीडिया पर भी तस्वीर अपलोड कर दी थीं, जिससे स्कूल प्रबंधन और नाराज हो गया।
डिसिप्लिनरी जांच के बाद स्कूल प्रबंधन ने सितंबर में छात्र को निष्कासित करने का फैसला किया। जिसके खिलाफ बाल अधिकार आयोग ने आवाज उठाई जिसके बाद मामला कोर्ट पहुंचा था। फैसले में कोर्ट ने कहा है कि बच्चों के अधिकारों के लिए खड़ा होने वाला संगठन सिर्फ कोई सुझाव दे सकता है। वहीं स्कूल के प्रिंसिपल के पास सभी निर्णय लेने की शक्तियां मौजूद हैं, जिसमें हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता।
थॉमस चर्च एजुकेशनल सोसायटी के सेक्रटरी राजन वर्गीज ने बताया कि जांच आयोग की रिपोर्ट के बाद छात्र को ट्रांसफर सर्टिफिकेट जारी किया गया। उन्होंने कहा कि यह स्कूल के डिसिप्लिन कोड का उल्लंघन था। केरल के बाल अधिकार आयोग ने 4 अक्टूबर को स्कूल के फैसले को गलत करार देते हुए छात्र को क्लासेज अटेंड करने देने का आदेश दिया था।
उसके बाद दोनों की फोटोज सोशल मीडिया पर भी पोस्ट की गई थी। इसपर दोनों को सस्पेंड किया गया था, हालांकि दोनों को सेमेस्टर एग्जाम देने की इजाजत दी गई थी। छात्र की शिकायत पर आयोग के इस फैसले को इसके बाद स्कूल मैनेजमेंट ने हाई कोर्ट में चुनौती दी। जिसे हाईकोर्ट में जस्टिस शाजी पी चालय की बेंच ने खारिज कर दिया।