ऋषिकेश : टिहरी बांध विस्थापितों को पुनर्वास विभाग के द्वारा आवंटित की गई पशुपालन विभाग की भूमि की जांच के लिए उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त कोर्ट कमिश्नर नागेश अग्रवाल मौके पर जांच के लिए पहुंचे। बैराज मार्ग पर टिहरी बांध विस्थापितों को पुनर्वास विभाग के द्वारा 4.692 एकड़ भूमि पशुपालन विभाग की आवंटित कर दी गई थी। जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने पशुपालन विभाग को भूमि पर कब्जा लेने के आदेश दिए थे।
कोर्ट कमिश्नर के साथ सचिव पशुपालन आर मीनाक्षी सुंदरम, प्रभागीय वन अधिकारी राजीव धीमान, एडीएम प्रशासन रामजी शरण, निदेशक पशुपालन डॉ राजेंद्र कुमार वर्मा, उपजिलाधिकारी प्रेमलाल आदि मौजूद रहे। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है। ज्ञात रहे कि पशुपालन विभाग की लगभग 5 एकड़ भूमि पर भू माफियाओं द्वारा की गई। अति कर्मितभूमि को प्रशासन द्वारा अपने कब्जे में लिए जाने को लेकर कब्जेधारियों और प्रशासन के बीच 1 सप्ताह पहले टकराव की स्थिति पैदा हो गई।
जिसे देखते हुए प्रशासन द्वारा पुलिस का सहारा लेना पड़ा। उल्लेखनीय है कि उक्त भूमि पशुलोक विभाग की थी। जिसे टिहरी पुनर्वास विभाग ने गलत तरीके से टिहरी विस्थापित 12 लोगों को आवंटित कर दिया था। लेकिन आज स्थिति यह है कि उक्त भूमि पर मात्र दो विस्थापित रह गये है। बाकी भूमि पर भूमाफियाओं द्वारा कब्जा कर बड़े-बड़े अपार्टमेंट खड़े कर दिए गए।
जिसकी सूचना प्रशासन को मिलने के बाद प्रशासन ने उक्त भूमि को अपने कब्जे में लिये जाने की जब कार्रवाई प्रारंभ की। तो वहां रह रहे लोगों ने प्रशासन का जबरदस्त विरोध करना शुरू कर दिया। लेकिन प्रशासन द्वारा अतिक्रमण भूमि को अपने कब्जे में लिये जाने की कार्रवाई के चलते घटनास्थल से भूमि पर कब्जा करवाने वाले बड़े बिल्डर गायब हो गए हैं। जिसके चलते यहां रह रहे लगभग 50 से अधिक परिवारो में रोष व्याप्त है। प्रशासन के उप कार्रवाई को देखते हैं।