कावेरी मुद्दे पर तमिलनाडु में आंदोलन, रुक गई शहरों की रफ्तार - Punjab Kesari
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कावेरी मुद्दे पर तमिलनाडु में आंदोलन, रुक गई शहरों की रफ्तार

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कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग को लेकर तमिलनाडु में विपक्षी दलों ने गुरुवार को बंद बुलाया है। बता दे कि द्रमुख और अन्य विपक्षी पार्टियों ने इसके खिलाफ प्रदर्शन किया है। द्रमुक के नेतृत्व में आज पूरे तमिलनाडु में बंद का एेलान किया है। तमिलनाडु में बंद को लेकर द्रमुख के साथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं व विदुथलाई चिरुथाइगल भी शामिल है।

कोयंबटूर में डीएमके के साथ मनिथानेय मक्कल के सदस्यों ने मुह में रबर के चुहे दबा कर कावेरी जल मामले में केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। बाद में तमिलनाडु पुलिस ने इन सभी प्रदर्शनकारिओं को हिरासत में लिया था।

वहीं दूसरी तरफ तामिझगा वाझवुरिमाइ कात्चि के प्रमुख टी वेल्मुरुगन ने सरकार से अपील की है कि चन्नई में आईपीएल के मैच ना करवाए जाए। डीमके और अन्य विपक्षी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने चन्नई में रोड़-रोको के नाम से प्रदर्शन किया, जिसमें देखा जा सकता है कि पूरे इलाके में यातायात ठप पड़ चुका है और इसके साथ ही पूरे राज्य में बंद का एेलान किया है।

बता दें कि सर्वोच्च अदालत ने केंद्र को सीएमबी गठित करने के लिए छह सप्ताह का समय दिया था जो कि 29 मार्च को खत्म हो गया। मीडिया से बातचीत में स्टालिन ने कहा कि ‘पार्टी कार्यकर्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 11 अप्रैल के दिन उनके चेन्नई दौरे के दौरान काले झंडे दिखाएंगे।’

उन्होंने आगे कहा ‘इसके लिए हमने सत्ताधारी एआईएडीएमके से भी सहयोग मांगा है। हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री और उनके साथ मौजूद रहने वाले केंद्रीय मंत्रियों को काले झंडे दिखाए जाएं।’ बता दें कि स्टालिन ने इस मुद्दे पर कांग्रेस और वीसीके नेताओं के साथ मिलकर वेल्लुवर कोट्टम में विरोध प्रदर्शन भी किया। इस दौरान उन्हें और अन्य नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

सीएमबी गठित करने के मुद्दे पर तमिलनाडु सरकार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीसामी ने कहा कि किस तरह की याचिका डालनी है इसके बारे में हम कानूनी विशेषज्ञों से सलाह-मशवरा करेंगे।

आपको बता दे कि कावेरी विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में कर्नाटक के पक्ष में फैसला आने के बाद से बोर्ड के गठन के लिए विपक्षी दल केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश करते रहे हैं। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 16 फरवरी को अपने आदेश में कावेरी जल में कर्नाटक का हिस्सा 14.75 टीएमसी फुट बढ़ाकर उसे 27 टीएमसी फुट कर दिया था। उसने नदी जल में तमिलनाडु का हिस्सा घटा दिया था। कोर्ट ने कहा था कि पानी राष्ट्रीय संपत्ति है और नदी के जल पर किसी भी राज्य का मालिकाना हक नहीं है।

दो दिन पहले मंगलवार को मुख्यमंत्री ई. पलनिसामी और उपमुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम समेत एआईएडीएमके नेता भूख हड़ताल पर बैठे थे। टीटीवी दिनाकरन के नेतृत्व वाली अम्मा मक्कल मुनेत्र कषगम के कार्यकर्ताओं ने तिरुचिरापल्ली हवाईअड्डे पर मंगलवार को प्रदर्शन किया था। बुधवार को कोयंबटूर में डीएमके और एमएमके कार्यकर्ताओं ने मुंह में रबर के चूहे रखकर प्रदर्शन किया था। कई प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था।

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