बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह अपने कर्नाटक दौरे पर हैं। कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस का घेराव करने का एक भी मौका भाजपा नहीं छोड़ रही है। कर्नाटक में सोमवार को शाह ने मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार हर मोर्चे पर असफल रही है.अमित शाह ने कहा कि कर्नाटक में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है, सिद्धारमैया सरकार और भ्रष्टाचार एक-दूसरे के पर्याय बन गए हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार कर्नाटक में जनता का उत्साह देखने को मिल रहा है, उससे यह निश्चित हो गया है कि कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने जा रही है।
कांग्रेस का घेराव करते हुए शाह बोले, ‘कांग्रेस का शासन कैसा होता है वो देखना है कि खड़गे साहब की निर्वाचन क्षेत्र में जाकर देखना चाहिए। मेरे पास कार्यकर्ताओं से फीड आया है कि इतना पिछड़ापन कर्नाटक के किसी और क्षेत्र में नहीं है जितना खड़गे साहब के स्वयं के क्षेत्र के अंदर है। ‘केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े के संविधान पर दिए विवादित बयान को लेकर अमित शाह ने कहा, ‘हेगड़े जी ने माफी मांग ली है और मैंने कहा कि इनके बयान से पार्टी का इत्तेफाक नहीं है। बता दें कि हेगड़े ने कहा था कि भाजपा के पास संविधान बदलने की ताकत है। जिसका संसद से लेकर सड़क पर भी विपक्षी दलों ने भाजपा का घेराव किया।
अमित शाह ने कहा कि हैदराबाद में युवाओं ने सिद्धारमैया की सरकार को तीन डी दिए हैं- धोखा, दादागीरी और डायनेस्टिक पॉलीटिक्स (वंशवाद की राजनीति)। दो परिवारों ने यहां 50 साल से ज्यादा समय तक शासन किया है। सिद्धारमैया सरकार ने आत्महत्या कर रहे किसानों के प्रति असंवेदनशील रवैया अपनाया है। ‘बता दें कि कर्नाटक चुनाव के मद्देनजर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह तीन दिवसीय कर्नाटक दौरे पर हैं। जहां कल (रविवार) को बीदर में आत्महत्या करने वाले तीन किसानों के परिजनों से मिले। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी कर्नाटक में है। जहां राहुल गांधी ने रविवार को उद्योगपतियों के कर्जमाफी को लेकर सरकार का घेराव किया।
जिसका तत्काल अमित शाह ने खंडन करते हुए कहा कि राहुल गांधी झूठ बोल रहे हैं, हमने एक भी उद्योगपति का कर्जा माफ नहीं किया। आरोप-प्रत्यारोप का यह सिलसिला अब भी जारी है। कर्नाटक में इस साल अप्रैल-मई में राज्य की 224 सीटों के लिए विधानसभा चुनाव होने हैं। कांग्रेस के सामने सिद्धारमैया सरकार को फिर से सत्ता दिलाना चुनौती है। वहीं भाजपा कर्नाटक में भी कमल खिलाने की जद्देजहद में लगी हुई है।
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