कर्नाटक में जनता दल (सेक्युलर) के साथ मिलकर सरकार चलाने और गत लोकसभा चुनाव में गठबंधन सहयोगी रहे कांग्रेस ने अब राज्य के 15 विधानसभा सीटों के लिए 21 अक्टूबर को होने वाले उपचुनाव अपने बूते चुनाव लड़ने का फैसला किया है। कांग्रेस विधायक दल के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मंगलवार को यहां संवाददाताओं को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा,‘‘हमने अपने बल पर उपचुनाव लड़ने का फैसला किया है और जद (एस) के साथ कोई चुनावी समझौता नहीं होगा।’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी ने उन लोगों को हराने के लिए मजबूत उम्मीदवारों को मैदान में उतारने का फैसला किया जिन्होंने पार्टी को धोखा दिया था और राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने में मदद की थी। उन्होंने कहा,‘‘बागी विधायकों को कड़ा सबक सिखाने के लिए निर्वाचन क्षेत्रों के लोग बेसब्री से से इंतजार कर रहे हैं।’’
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जद (एस) के प्रदेश अध्यक्ष एच डी कुमारस्वामी द्वारा की गई आलोचना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा,‘‘हमने सांप्रदायिक ताकतों को दूर रखने के लिए जद (एस) को अपना समर्थन दिया था। जबकि जद (एस) के नेताओं ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवारों को नुकसान पहुंचाया था।’’ पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘जद (एस) नेता जी टी देवेगौड़ ने खुद लोकसभा चुनावों में जद (एस) द्वारा बीजेपी को दिए गए समर्थन के बारे में खुलकर बयान दिया था।’’
कुमारस्वामी के इस कथन का उल्लेख करते हुए कि कांग्रेस के साथ गठबंधन सरकार एक दुस्वप्न थी, उन्होंने कहा, ‘‘ यह उनकी राय थी।’’ गौरतलब है कि कांग्रेस और जद (एस) विधायक दल के नेताओं की शिकायत के आधार पर कर्नाटक विधानसभा के तत्कालीन अध्यक्ष के रमेश कुमार द्वारा कांग्रेस और जद (एस) के बागी विधायकों को अयोज्ञ ठहराये जाने के कारण रिक्त हुई सीटों को भरने के लिए 15 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव कराए जा रहे हैं।