आयकर विभाग ने कर चोरी की जांच के संबंध में कर्नाटक में कई ठेकेदारों के खिलाफ आज छापे मारे। कर्नाटक में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने हैं। अधिकारियों ने बताया कि विभाग की जांच शाखा ने मैसूर और बेंगलुरू में कम से कम 11 ठेकेदारों के खिलाफ छापे मारे।
उन्होंने बताया कि ये ठेकेदारों वे लोग हैं जिन्हें सरकारी निविदाओं पर सार्वजनिक कार्य दिए गए। विभाग ने गत सप्ताह कहा था कि उसने राज्य में बीते वित्त वर्ष की पिछली तिमाही में किए गए सभी ठेकों के लेनदेन की जानकारियां एकत्रित की और वह असामान्य मामलों की पहचान करने के लिए पिछले वर्षों से इसकी तुलना कर रहा है।” उसने कहा कि 12 मई को होने वाले मतदान के मद्देनजर अतिरिक्त सावधानी के तौर पर कर्नाटक और गोवा में विभाग की जांच शाखा ने निगरानी की गतिविधियां बढ़ा दी है।
विभाग ने हाल ही में दावा किया कि राज्य के एक जिले में एक ठेकेदार के खिलाफ तलाशी ली गई और यह पाया गया कि ”उसने एक अन्य व्यक्ति को भुगतान किया जिसने भेजी गई राशि को नकदी के रूप में निकाल लिया। 55 लाख रुपये की यह नकदी जब्त कर ली गई और ठेकेदार ने 16 करोड़ रुपये की राशि को छिपाने की बात भी स्वीकार कर ली।”
निर्वाचन आयोग ने काले धन और मतदाताओं को घूस देने पर निगरानी के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों के अलावा कर्नाटक में चुनाव खर्च पर नजर रखने वाले कई पर्यवेक्षकों को नियुक्त किया है। आयोग ने कहा कि आयकर अधिकारियों ने कर्नाटक में अभी तक 4.13 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की है। यह खुलासा तब किया गया है जब देशभर में कई एटीएम में नकदी की किल्लत देखी गई।
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