एक गाय का अनोखा प्रेम, 4 साल से दे रहीं है अपने बछड़े के कातिल को सजा - Punjab Kesari
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एक गाय का अनोखा प्रेम, 4 साल से दे रहीं है अपने बछड़े के कातिल को सजा

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कहते हैं दुनिया में मां और बच्चे का रिश्ता सबसे प्यारा होता है फिर चाहे वो इंसान का हो या जानवर का। आप इसे इंसानी दुनिया में अपने आसपास कई बार देखा और महसूस किया होगा लेकिन सिर्फ इंसान ही नहीं जानवर भी इस पवित्र रिश्ते की अहमियत समझते हैं।

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उत्तरी कर्नाटक के एक जिले में ऐसी घटना घटी, जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे। कर्नाटक के सिरसी में एक गाय का बछड़ा 4 साल पहले एक बस के नीचे आ गया था और उसकी मौत हो गयी। घटना के बाद गाय वहीं खड़ी अपने बछड़े को उठाने की कोशिश करती रही। गाड़ी के नीचे दब जाने की वजह से बछड़ा मर चुका था। लोग इस हादसे को सामान्‍य दुर्घटना मान भूल गए। लेकिन एक मां के लिए यह भूलने वाली बात नहीं थी। अब गाय हो या इंसान मां तो आखिर मां ही होती है। 4 साल पुरानी ये बात सब भूल गए, लेकिन गाय नहीं। इस गाय ने इस बस और उसके ड्राइवर को 4 साल बाद आज भी माफ़ नहीं किया है। ये गाय इस बस को जहां भी देखती है, वहां रोकने चली आती है।

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इस घटना के बाद से गाय हर रोज सिर्फ उसी ड्राइवर और बस को रोकने की कोशिश करती है। पिछले चार सालों के दौरान हर रोज सैकड़ों लोग इस घटना के गवाह बनते हैं। अक्सर वह गाय उस रोडवेज बस के सामने आ जाती है। मजबूरी के चलते उसे डंडा मार के भगाया जाता है। डंडे की मार खाने के बाद भी गाय उस बस के पीछे भागती रहती है। इस बात को खुद उस बस के ड्राइवर ने माना है।

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स्थानीय लोग इसे रोज़ हटाने की कोशिश करते हैं, लेकिन फिर भी गाय इस बस पर टक्कर मारने से पीछे नहीं हटती। रोज़ के इस वाकये से तंग आ कर बस के मालिक ने इस पर नया पेंट भी करवा लिया, लेकिन गाय उसे फिर भी पहचान गयी। जैसे ही गाय ने उस बस को देखा, वो फिर प्रतिशोध लेने जा पहुंची। उसे पता था, कि ये वही बस है जिसने उसके मासूम बछड़े को कुचला था।

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ये गाय आज भी उसी जगह पर बैठती है। जहां बस ने उसके बच्चे को कुचला था। हैरानी की बात ये है कि वो इस रास्ते में आने वाले और किसी वाहन को नहीं रोकती, सिर्फ़ सफ़ेद और नीले रंग की उस बस को जिसका नंबर है KA-31F 857।

ये वीडियो देखने के बाद आप इस मां की असीम ममता के बारे में सोच के गद-गद हो जाएंगे, जैसे हम हो गए हैं:

यहां एक मूक जानवर बिना बोले अपनी व्यथा को दिखा रहा है और हम ‘इंसान’ इतने विकसित होने के बाद भी एक-दूसरे की भावनाओं को नहीं समझ पाते।

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