रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज कहा कि पुलिस और आम लोगों के सहयोग से राज्य को पूर्ण रूप से उग्रवादमुक्त बनाना है और इसके लिए सरकार दृढ़संकल्पित है। श्री दास ने यहां उग्रवादी हिंसा में मृत नागरिकों के आश्रितों एवं कारा अस्पताल में पारा चिकित्सा के 150 पदों पर नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ नक्सलियों से निपटने का काम किया है। आने वाले समय में पुलिस और जनता के आपसी सहयोग से झारखंड को पूर्ण रूप से उग्रवादमुक्त बनाना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के उग्रवादमुक्त बनाने के उद्देश्य को पूरा करने के लिए पुलिसकर्मी और आम जनता आपसी समन्वय बनाएंगे तभी सफलता मिलेगी। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले कुछ वर्षों में उग्रवादमुक्त झारखंड का निर्माण किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का संकल्प है कि झारखंड में सदैव अमन, चैन और शांति बनी रहे ताकि विकास कार्य त्वरित गति से हो सके। उनकी सरकार के गठन के बाद से ही नक्सलियों के खिलाफ कड़ कार्रवाई की गई। पिछले पांच सालों में नक्सली गतिविधियों पर लगाम लगाने का काम राज्य के पुलिसकर्मियों ने कर दिखाया है। श्री दास ने कहा कि उग्रवादी हिंसा में मारे गए लोगों को फिर से जीवित तो नहीं किया जा सकता लेकिन सरकार उनके आश्रितों के साथ हमेशा खड़ रहेगी।
उग्रवादी हिंसा में मृत व्यक्तियों के आश्रितों को उनका हक देना सरकार की जिम्मेदारी है, जो उनकी सरकार कर रही है। आज इसी क्रम में इन आश्रित परिवारों के 150 लोगों को सरकार नियुक्ति पत्र सौंप रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनसंवाद के तहत ‘सीधी बात’ कार्यक्रम में नक्सली हिंसा में मारे गए परिवारों की कई शिकायतें आती हैं कि उन्हें नौकरी अथवा मुआवजा अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है। इन शिकायतों पर राज्य सरकार ने त्वरित निर्णय लेकर उन्हें हर संभव मदद पहुंचाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि निश्चित समय सीमा के अंदर मुआवजा और नौकरी देने के लिए सरकार ने स्पष्ट निर्देश भी संबंधित विभागों को दे दिया है।
श्री दास ने कहा कि राज्य की जेलों में बंद बंदियों को भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है। इसके लिए गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा आज 85 पारा चिकित्सा कर्मियों को नियुक्ति पत्र दी जा रही है। उन्होंने कहा कि ये पारा चिकित्साकर्मी अब जेल में बंद बंदियों के उत्तम स्वास्थ्य के लिए अपना शत-प्रतिशत लगाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल स्वास्थ्य के क्षेत्र में रोजगार की काफी संभावनाएं हैं। राज्य सरकार द्वारा झारखंड की बच्चियों को कौशल विकास के माध्यम से नर्सिंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। साथ ही उन्हें रोजगार से जोड़ने का भी काम किया जा रहा है।