भोपाल (मनीष शर्मा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में जय जोहार मध्य प्रदेश, राम-राम, सेवा जोहार, मोर सगा जनजाति भाई-बहन के साथ अपना भाषण शुरू किया। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज के योगदान के बारे में या तो देश को बताया ही नहीं गया और अगर बताया भी गया तो बहुत ही सीमित दायरे में जानकारी दी गई। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि आजादी के बाद दशकों तक जिन्होंने देश में सरकार चलाई, उन्होंने अपनी स्वार्थ भरी राजनीति को ही प्राथमिकता दी।
पीएम मोदी ने कहा देश की आबादी का करीब करीब 10 प्रतिशत होने के बावजूद दशकों तक, जनजातीय समाज को, उनकी संस्कृति, उनके सामर्थ्य को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया। आदिवासियों का दुख, उनकी तकलीफ, बच्चों की शिक्षा उन लोगों के लिए कोई मायने नहीं रखती थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गोंड महारानी वीर दुर्गावती का शौर्य हो या फिर रानी कमलापति का बलिदान, देश इन्हें भूल नहीं सकता। वीर महाराणा प्रताप के संघर्ष की कल्पना उन बहादुर भीलों के बिना नहीं की जा सकती जिन्होंने कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ी और बलिदान दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी हाल में पद्म पुरस्कार दिए गए हैं। जनजातीय समाज से आने वाले साथी जब राष्ट्रपति भवन पहुंचे तो दुनिया हैरान रह गई। आदिवासी और ग्रामीण समाज में काम करने वाले ये देश के असली हीरे हैं। जब देश ने मुझे 2014 में आप सब देशवासियों की सेवा का मौका दिया तो मैंने जनजातीय समुदाय के हितों को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा। आज सही मायने में आदिवासी समाज के हर साथी को देश के विकास में उचित हिस्सेदारी और भागीदारी दी जा रही है।
पीएम ने कहा, ‘पद्म विभूषण’ बाबासाहेब पुरंदरे जी ने छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन को, उनके इतिहास को सामान्य जन तक पहुंचाने में जो योगदान दिया है, वो अमूल्य है। मैं बाबासाहेब पुरंदरे जी को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि देता हूं। आज जब हम राष्ट्रीय मंचों से, राष्ट्र निर्माण में जनजातीय समाज के योगदान की चर्चा करते हैं, तो कुछ लोगों को हैरानी होती है। ऐसे लोगों को विश्वास ही नहीं होता कि जनजातीय समाज का भारत की संस्कृति को मजबूत करने में कितना बड़ा योगदान रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे खुशी है कि मध्य प्रदेश में जनजातीय परिवारों में तेजी से टीकाकरण हो रहा है। हमारे आदिवासी भाई-बहन टीकाकरण के महत्व को समझते भी हैं, स्वीकारता भी हैं और देश को बचाने में अपनी भूमिका निभा रहे हैं, इससे बड़ी समझदारी क्या हो सकती है। आज जब कार्यक्रम के प्रारंभ में मेरे आदिवासी जनजातीय समूह के लोग अलग अलग मंच पर गीत के साथ अपनी भावनाएं प्रकट कर रहे थे। मैंने देखा है कि उनकी हर बात में कोई न कोई तत्व ज्ञान होता है।
मंडला लक्ष्मी नारायण रमतणीया को अनाज वाहन की चाबी देकर प्रधानमंत्री राशन आपके द्वार योजना का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री ने दो आदिवासी युवाओं को वाहनों की चाबी प्रदान की। इसके बाद प्रधानमंत्री ने आलीराजपुर के चीना धुर्वे और झाबुआ के मनीष परमार को जेनिटिक सिकल सेल कार्ड देकर मिशन का शुभारंभ किया। राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने सिवनी के विजय भारती और पिंकी सहरिया को शिक्षक नियुक्ति पत्र प्रदान किया।
सीएम शिवराज ने कहा, मध्य प्रदेश में आदिवासी राजाओं का राज था
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि पूरा प्रदेश भगवान बिरसा मुंडा की जन्मतिथि पर आदिवासी रंग में रंग गया है। मैं भगवान बिरसा मुंडा को प्रणाम करता हूं साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने बिरसा मुंडा के सम्मान में उनकी जन्मतिथि राष्ट्रीय गौरव दिवस की घोषणा की है। उन्होंने देश की आजादी में आदिवासियों के योगदान का वास्तव में सम्मान किया है। मैं मध्य प्रदेश की साढ़े आठ करोड़ जनता की ओर से प्रधानमंत्री का स्वागत करता हूं। भोपाल या प्रदेश में सिर्फ मुगलों का राज नहीं था बल्कि उनसे पहले आदिवासी राजाओं का राज था और उन्होंने राज की सुरक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए। रानी कमलापति भी भोपाल का गौरव थी।
उन्होंने अपनी अस्मिता के लिए मुगलों के सामने झुकने के बजाय प्राण न्यौछावर करने का कदम उठाया। प्रधानमंत्री ने रानी कमलापति के बलिदान का सम्मान करते हुए विश्व स्तरीय रेलवे स्टेशन को रानी कमलापति नाम दिया। इसके लिए में प्रधानमंत्री को धन्यवाद देता हूं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के 23 जिलों के 75 रणबांकुरों की पुण्यभूमि से एकत्रित की गई पावन मिट्टी का अमृत कलश भेंट किया। पद्मश्री से सम्मानित प्रख्यात गोंड चित्रकार भज्जू सिंह श्याम ने अपनी बनाई पेंटिंग भेंट की। पेंटिंग में प्रकृति की सुंदरता को अनूठे तरीके से अभिव्यक्त किया गया है।
मध्य प्रदेश की प्रख्यात चित्रकार, पद्मश्री से अलंकृत भूरीबाई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जनजातीय कलाकृति को दर्शाती सुंदर पेंटिंग भेंट की। प्रधानमंत्री को जनजातीय प्रतीकों बैगा माला और पगड़ी भेंटकर उनका भव्य स्वागत किया। गोंडवाना का गौरव रानी कमलापति की प्रतिमा स्मृति चिन्ह स्वरूप मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को भेंट की। इसके साथ ही प्रधानमंत्री को पद्ममश्री भूरी बाई ने चित्र भेंट किया। आजादी के लिए अपना बलिदान देने वाले मध्य प्रदेश के रणबांकुरों के जन्मस्थान और बलिदान स्थल की मिट्टी का अमृत कलश भी प्रधानमंत्री को दिया गया।
प्रधानमंत्री का बैगा माला और शाल से अभिनंदन किया गया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को तीर और धनुष देकर अभिनंदन किया। आदिवासी नेता ओमप्रकाश धुर्वे, बिसाहूलाल साहू आदि ने अभिनंदन किया। मंच पर राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रहलाद पटेल समेत सांसद, विधायक मौजूद हैं।