असम के माइबोंग में चल रहे प्रदर्शन के दौरान पुलिस की कथित फायरिंग में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि 10 अन्य लोग घायल हो गए। इस दौरान दक्षिण और मध्य असम के बीच ट्रेन से सफर करने वाले 2000 से ज्यादा लोग फंस गए हैं। ग्रेटर नागालिम में दीमा हसाओ जिले के विलय के खिलाफ इलाके में ये विरोध प्रदर्शन चल रहा है। इसके विरोध में इलाके में बंद बुलाया गया था, जिसमें हिंसा के बाद पुलिस फायरिंग में दो लोगों की मौत हो गई थी। असम में आरएसएस के एक नेता के बयान से बवाल मचा हुआ है इसी को लेकर दिमा हसाओ जिले में लोग उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं। स्थिति को देखते हुए दीमा हसाओ जिले के माइबांग इलाके में कर्फ्यू लगा रखा है।
वही , सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया,’एक व्यक्ति की जहां गुवाहाटी में अस्पताल ले जाने के दौरान मृत्यु हो गई, वहीं दूसरे की आज सुबह अस्पताल में मृत्यु हो गई। उग्र भीड़ ने कल माइबोंग रेलवे स्टेशन पर हमला किया था और 12 घंटे के दीमा हसाओ बंद के दौरान यात्रियों को ट्रेन से उतार दिया था।
आपको बता दे कि आरएसएस के एक नेता ने कहा था कि जिस तरह से नागा लोगों में अब शांति हैं। उससे साफ है कि नागा शांति समझौता सफल रहा है। और इसके बाद आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र डिमासा ग्रेटर नागालैंड का हिस्सा होगा। इसके लिए केंद्र सरकार से बातचीत चल रही है। आरएसएस नेता के इस बयान के बाद यहां फिर से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे।
आरएसएस नेता के बयान के बाद लोगों ने रेल रोकने का प्रयास किया। प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस को गोली चलानी पड़ी जिसमें दो लोगों की मौत हो गई। स्थानीय संगठन लंबे समय से डिमासा को नागालैंड में शामिल किए जाने के समझौते का विरोध कर रहे हैं।
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