पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था को लेकर मोदी सरकार पर सवालिया निशान खड़ा किया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर उन्होंने कहा कि इंडस्ट्रियल स्लो डाउन भारत में आ रहा है। बीजेपी को जिसके लिए वोट मिला, उसमें फेल हो चुकी है। पूर्व पीएम ने कहा कि चीन से आयात (इंपोर्ट) बढ़ा है, मौजूदा अर्थव्यवस्था ने लाखों लोगों के सपने रोके।
उन्होंने कहा, महाराष्ट्र को गंभीर आर्थिक मंदी के कुछ बुरे प्रभावों का सामना करना पड़ा है। लगातार 4 वर्षों से महाराष्ट्र की विनिर्माण विकास दर घट रही है। पिछले 5 वर्षों में महाराष्ट्र सबसे अधिक फैक्ट्रियों के बंद होने का गवाह रहा है। चीनी आयात बढ़ने से औद्योगिक मंदी प्रभावित हुई है। 5 वर्षों में आयात में 1.22 लाख करोड़ से अधिक की वृद्धि हुई है। महाराष्ट्र में निर्मित रसायन, उर्वरक, इलेक्ट्रॉनिक सामान और ऑटोमोबाइल का आयात बढ़ा है।
मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, बहुप्रचारित डबल इंजन मॉडल ऑफ गवर्नेंस जिस पर बीजेपी वोट मांगती है, पूरी तरह से विफल रही है। अर्थव्यवस्था पर बोले मनमोहन सिंह-महाराष्ट्र ने आर्थिक मंदी के सबसे बुरे प्रभावों का किया सामना है। महाराष्ट्र की विनिर्माण विकास दर में लगातार 4 साल की गिरावट दर्ज की गई है।
पीएमसी बैंक घोटाले को लेकर मनमोहन सिंह ने कहा, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस बैंक के मामले में क्या हुआ है। मैं महाराष्ट्र के सीएम, पीएम और वित्त मंत्री से इस मामले को देखने और प्रभावित 16 लाख लोगों की शिकायतों का समाधान करने की अपील करता हूं। मैं उम्मीद करता हूं कि भारत सरकार, RBI और महाराष्ट्र सरकार अपना विचार एक साथ रखें और इस मामले में एक विश्वसनीय, व्यावहारिक और प्रभावी समाधान प्रदान करें।
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निर्मला सीतारमण के बयान को लेकर मनमोहन सिंह ने कहा, ”मैंने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन का एक बयान देखा है, मैं उस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा, लेकिन मैं केवल यह बता सकता हूं कि अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए बीमारियों और उनके कारणों का सही निदान करने की आवश्यकता होगी।”
वहीं वीर सावरकर को लेकर मचे सियासी तूफान को लेकर मनमोहन सिंह ने कहा, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने वीर सावरकर के लिए पोस्टल स्टाम्प (डाक टिकट) जारी किया था। हालांकि, मनमोहन सिंह ने इसके बाद यह भी कहा कि हम हिंदुत्व की उस विचारधारा का समर्थन नहीं करते हैं, जिसके पक्षधर वीर सावरकर थे।