नीरज जॉर्ज बेबी नाम का यह शख्स अफ्रीका की सबसे ऊंचे पहाड़ पर चढ़ गया है। लेकिन यह कारनामा नीरज ने बैसाखियों के सहारे पूरा किया है। बता दें कि ट्यूमर की वजह से नीरज ने एक पैर 9 साल की उम्र में ही खो दिया था। बैसाखियों के सहारे ही नीरज ने तंजानिया के माउंट किलिमंजारो पर गए हैं।
बता दें कि यह समुद्र तल से 19,341 फीट ऊपर है। नीरज के इस हौसले के बाद इन पर यह लाइन सीढ़ियां उन्हें मुबारक हो जिन्हें सिर्फ छत तक जाना है, मेरी मंजिल तो आसमान है, रास्ता मुझे खुद बनाना है फीट बैठती है। नीरज ने जब पहाड़ की चोटी पर खड़े होकर अपनी तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की तो मानो ऐसा लगा कि वह अपने पंख फैला कर खड़े हैं। पहाड़ पर यह चढ़ाई नीरज ने बुधवार को खत्म की।
ख्वाब पूरा किया 5 साल पुराना
फेसबुक पर एक तस्वीर नीजर ने बीते गुरुवार पोस्ट की और इसमें वह अपनी बैसाखियों को फैलाते हुए माउंट किलिमंजारो की चोटी पर खड़े दिखाई दिए।
इस तस्वीर को साझा करते हुए नीरज ने कैप्शन में लिखा, यह मेरी जिंदगी का एक यादगार पल है। इस 5 साल पुराने ख्वाब को बड़े ही दर्द के साथ पूरा किया। नीरज ने आगे लिखा कि मैंने यह दर्द इसलिए भी सहा क्योंकि वह साबित करना चाहते थे कि विकलांग प्रोस्थेटिक लिम्ब्स से भी अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं।
नहीं तोड़ सकी बारिश भी हौंसले
बीते 8 अक्टूबर को नीरज ने अपने फेसबुक पर कुछ स्केच और तस्वीरें शेयर की और साथ में कैप्शन लिखा, यहां बारिश शुरु हो गई है। ऐसा नहीं लगता कि यह अगले देे दिनों तक रुकेगी। हम इससे हैरान नहीं हैं। टीम ट्रेक करने के लिए तैयार है। सब से गुजारिश है कि पूरी टीम के लिए दुआ करें।
एक पैर खो दिया था 9 साल की उम्र में
नीरज की जिंदगी 9 साल की उम्र में पूरी बदल गई थी। जब वह 9 साल के थे तो उन्हें ट्यूमर हो गया था। ट्यूमर की वजह से एक पैर उनका काटना पड़ गया था। पैर जाने के बाद अपने आपको बैडमिंटन खेलकर नीरज ने फिट रखना शुरु किया।
बता दें कि पैरा-बैडमिंटन नीरज ने नेशनल और इंटरनेशनल दोनों लेवल पर खेल रखा है और देेश के लिए कई मेडल भी जीते हैं। नीरज केरल एडवोकेट जनरल के ऑफिस में वर्तमान समय में एक असिस्टेंट के तौर पर काम कर रहे हैं।