अदालत ने अकबरुद्दीन के खिलाफ दर्ज ‘नफरत वाले भाषण’ देने के मामले में फैसला टाला - Punjab Kesari
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अदालत ने अकबरुद्दीन के खिलाफ दर्ज ‘नफरत वाले भाषण’ देने के मामले में फैसला टाला

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी ‘नफरत वाले भाषण’ देने को लेकर मुश्किलों का सामना

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी ‘नफरत वाले भाषण’ देने को लेकर मुश्किलों का सामना कर रहे है। अकबरुद्दीन के खिलाफ दर्ज मामले में हैदराबाद की विशेष अदालत ने मंगलवार को फैसला 13 अप्रैल तक के लिए टाल दिया।
सांसदों और विधायकों के खिलाफ सुनवाई करने वाली विशेष सत्र अदालत ने इसके पहले फैसला सुनाने का दिन मंगलवार तय किया था। लेकिन बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष के वकील की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने फैसला बुधवार तक के लिए टाल दिया।अकबरुद्दीन तेलंगाना विधानसभा में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता हैं। अकबरुद्दीन के खिलाफ निजामाबाद और निर्मल में कथित रूप से नफरत फैलाने वाला भाषण देने का मामला वर्ष 2012 में दर्ज किया गया था। इस मामले की सुनवाई को लेकर अकबरुद्दीन मंगलवार को अदालत के समक्ष पेश हुए। 
भड़काने वाली भाषा का करते हैं इस्तेमाल
एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई अकबरुद्दीन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन पर सार्वजनिक भाषण के दौरान एक समुदाय विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक और भड़काने वाली भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप है।
अकबरुद्दन ने कथित रूप से नफरत फैलाने वाला भाषण निजामाबाद में आठ दिसंबर, 2012 को और निर्मल कस्बे में 22 दिसंबर, 2012 को भाषण दिया था। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था, लेकिन वह जमानत पर जेल से बाहर हैं। अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने निजामाबाद मामले की जांच करके वर्ष 2016 में आरोपपत्र दाखिल किया। इसी तरह निर्मल मामले में भी जिला अदालत ने वर्ष 2016 में आरोपपत्र दाखिल किया।

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