मध्यप्रदेश में मई में ऐतिहासिक बारिश हुई, जिसमें 53 जिलों में भीषण बारिश दर्ज की गई। इंदौर में 139 साल का रिकॉर्ड टूटा और उज्जैन में नया ओवरऑल रिकॉर्ड बना। सामान्य से 7 गुना अधिक बारिश हुई, जिससे देवास में 6.3 इंच और भोपाल में 45.6 मिमी बारिश दर्ज की गई।
मध्यप्रदेश में मई का महीना इस बार इतिहास रच गया। पूरे महीने तेज आंधी और बारिश का सिलसिला बना रहा, जिससे राज्य के 53 जिले भीग गए। सिर्फ निवाड़ी जिला ही ऐसा रहा जहां बारिश रिकॉर्ड नहीं हो सकी। इंदौर में 139 साल का बारिश का रिकॉर्ड टूट गया, जबकि उज्जैन में ओवरऑल रिकॉर्ड बना। पूरे प्रदेश में सामान्य से 7 गुना अधिक बारिश दर्ज की गई। देवास में रिकॉर्डतोड़ 6.3 इंच बारिश दर्ज की गई। भोपाल में 45.6 मिमी (1.8 इंच) बारिश हुई, जो 10 साल में तीसरी सबसे ज्यादा है। मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के अनुसार, मई की शुरुआत से ही साइक्लोनिक सर्कुलेशन, पश्चिमी विक्षोभ और टर्फ सिस्टम सक्रिय रहे।
क्या हुआ खास इस मई में?
मई में हर दिन प्रदेश के किसी न किसी हिस्से में आंधी और बारिश हुई। इंदौर में 114.8 मिमी (4.6 इंच) बारिश हुई, जो 1886 के रिकॉर्ड (107.7 मिमी) से ज्यादा है। उज्जैन में भी 111.8 मिमी (4.3 इंच) बारिश हुई, जिससे ओवरऑल मई का रिकॉर्ड बना। देवास में रिकॉर्डतोड़ 6.3 इंच बारिश दर्ज की गई। भोपाल में 45.6 मिमी (1.8 इंच) बारिश हुई, जो 10 साल में तीसरी सबसे ज्यादा है।
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मौसम वैज्ञानिकों की क्या राय है?
मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के अनुसार, मई की शुरुआत से ही साइक्लोनिक सर्कुलेशन, पश्चिमी विक्षोभ और टर्फ सिस्टम सक्रिय रहे। इन सिस्टम्स के चलते लगातार मौसम में बदलाव होता रहा और बारिश-आंधी का सिलसिला बना रहा। आखिरी दिन तक भी यह सिस्टम सक्रिय रहे।