मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (वेकोलि) की छतरपुर खदान में गुरुवार दोपहर छत ढहने से तीन कर्मचारियों की दबकर मौत हो गई। राहत और बचाव कार्य जारी है। जानकारी के अनुसार, गुरुवार की दोपहर को वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड पाथाखेडा-सारनी की छतरपुर खदान में हादसा हुआ। तीन मृतकों के शव शाम को खदान से बाहर निकाले गए। शवों का पोस्टमॉर्टम करवाया गया है। हादसे पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दुख जताया है।
बैतूल जिले के पाथाखेड़ा क्षेत्र में कोयले की खदान में छत धंसने से वहां कार्यरत तीन कर्मचारियों की मृत्यु का समाचार अत्यंत ही दुखद है।
संबंधित कंपनी एवं जिला प्रशासन को भी निर्देशित किया है मृतक कर्मचारियों के परिजनों को नियमानुसार आर्थिक राशि स्वीकृत करने संबंधी प्रकरणों का…
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) March 6, 2025
घटनास्थल पर पहुंचे एसपी और आलाधिकारी
घटना की सूचना मिलते ही कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी और एसपी निश्चल एन. झारिया भी मौके पर पहुंच गए थे। पूरी कार्यवाही दोनों अफसरों के निर्देशन में की गई। सारनी के एसडीओपी रोशन कुमार जैन ने संवाददाताओं को बताया कि छतरपुर की एक अंडरग्राउंड माइन में तीन वेकोलि कर्मी असिस्टेंट मैनेजर गोविंद कोसरिया (37), माइनिंग सरदार रामप्रसाद (46) और ओवरमैन रामदेव पंडोले (49) की कोयला खदान में छत ढहने से मौत हो गई। रेस्क्यू टीम ने तीनों के शवों को खदान के अंदर से बाहर निकाला। तीनों का पोस्टमॉर्टम हो चुका है।
खदान में निरीक्षण के दौरान हुआ हादसा
एसडीओपी ने बताया कि दबे हुए कर्मियों में माइनिंग सरदार, ओवरमैन और सेक्शन इंचार्ज शामिल हैं। यह सेक्शन जॉय माइनिंग सर्विस का है। इसमें ऑस्ट्रेलियाई मशीन लगी है। कंपनी कोलकाता की है। सूचना मिलते ही माइन रेस्क्यू टीम और एंबुलेंस मौके पर पहुंच गई थी। छतरपुर वन खदान में निरंतर माइनर मशीन चल रही थी। कोयला काटते समय अचानक खदान की छत गिर गई। बताया जा रहा है कि अधिकारी और वर्कर खदान में निरीक्षण के लिए उतरे थे, उसी समय यह हादसा हो गया।