मध्य प्रदेश के स्थानीय निकायों को आय में वृद्धि पर मिलेगी प्रोत्साहन राशि - Punjab Kesari
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मध्य प्रदेश के स्थानीय निकायों को आय में वृद्धि पर मिलेगी प्रोत्साहन राशि

आय में वृद्धि करने वाले नगरीय निकायों को मिलेगा आर्थिक प्रोत्साहन

मध्य प्रदेश में नगरीय निकायों को अपनी आय में वृद्धि करने के लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग से लगातार निर्देश मिल रहे हैं। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी विभिन्न बैठकों में नगर निगम महापौर और स्थानीय निकायों के अध्यक्षों को अपनी निकायों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए निर्देश दिए हैं।

इस वर्ष राजस्व आय में श्रेष्ठ कार्य करने वाली स्थानीय निकायों को पुरस्कृत करने के‍ लिए विभागीय बजट में 29 करोड़ 4 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रोत्साहन योजना में आय में वृद्धि करने वाली नगरीय निकायों को पिछले दो वित्तीय वर्षों में राजस्व और गैर राजस्व आय में हुई वृद्धि के प्रतिशत के अनुसार प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

नगरीय निकायों को संपत्ति कर, समेकित कर, नगरीय विकास उप कर एवं शिक्षा उप कर से प्रमुख रूप से आय होती है। इसके अलावा नगरीय निकायों को जल उपभोक्ता प्रभार, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रभार, भूमि भवन किराया, बिल्डिंग परमिशन फीस से भी आय होती है।

विभाग ने नगरीय निकायों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि आबादी के हिसाब से निर्धारित की है। प्रदेश के ऐसे नगर पालिक निगम जिनकी जनसंख्या 5 लाख से अधिक है, उन्हें प्रथम स्थान पर रहने पर 4 करोड़, द्वितीय पर 2 करोड़ 50 लाख और तृतीय स्थान पाने पर 1 करोड़ 50 लाख रुपये की राशि प्रोत्साहन स्वरूप दी जाएगी। प्रदेश के जिन नगर पालिक निगम की जनसंख्या 5 लाख से कम है, उन्हें प्रथम स्थान पर आने पर 3 करोड़, द्वितीय पर 2 करोड़ और तृतीय स्थान प्राप्त करने पर एक करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी।

प्रदेश की ऐसी नगर पालिका परिषद, जिनकी जनसंख्या एक लाख से कम है, उन नगर पालिका परिषद को आय वृद्धि पर पहले स्थान के लिए 2 करोड़, द्वितीय स्थान के लिए 1 करोड़ 25 लाख, तृतीय स्थान के लिए 75 लाख रुपये की राशि दी जाएगी।

प्रदेश की ऐसी नगर परिषद जिनकी आबादी 25 हजार से अधिक है, उन्हें प्रथम स्थान पर रहने पर 1 करोड़ 25 लाख, द्वितीय स्थान पर 75 लाख और तृतीय स्थान पर रहने पर 50 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। प्रदेश की 25 हजार से कम आबादी वाली नगर परिषदों को राजस्व आय वृद्धि में प्रथम स्थान पर आने पर 75 लाख रुपये, द्वितीय स्थान पर आने पर 50 लाख और तृतीय स्थान पर आने पर 29 लाख रुपये की राशि दी जाएगी। प्रत्येक वर्ग में राजस्व आय के आधार पर 3-3 नगरीय निकायों का चयन किया जाएगा।

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