मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि राज्य सरकार भोपाल के यूनियन कार्बाइड कारखाने से निकलने वाले जहरीले कचरे के निपटान के संबंध में उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसे पीथमपुर में स्थानांतरित किया गया है। सीएम यादव ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि उन्होंने कचरे को जलाने के लिए न्यायालय से और समय मांगने के बारे में जो कहा था, वह किया।
सोमवार को मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि “यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री साइट के जहरीले कचरे के निपटान के लिए सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के विभिन्न निर्देशों के आधार पर हमने इसे पीथमपुर पहुंचाया क्योंकि यह एकमात्र केंद्र है जहां हानिकारक तत्वों वाले सभी प्रकार के रासायनिक रसायनों का वैज्ञानिक तरीकों से प्रसंस्करण किया जाता है।
सीएम ने कहा कि हमने हाईकोर्ट के सामने फिर से अपना पक्ष रखा, जैसा कि मैंने पहले घोषणा की थी कि हम इन सभी चीजों के लिए कोर्ट से समय मांगेंगे जब तक कि हम सभी लोगों को विश्वास में नहीं ले लेते। मुझे संतुष्टि है कि हाईकोर्ट ने इसे स्वीकार कर लिया है और इसके लिए छह सप्ताह का समय दिया है।
इस बीच, सभी पक्ष और यदि कोई अन्य अपना पक्ष रखना चाहता है तो वह कोर्ट के सामने रख सकता है और राज्य सरकार कोर्ट के फैसले का पालन करेगी।” उन्होंने आगे कहा कि “मैं प्रदेश की जनता से कहना चाहूंगा कि हमने जो कहा, वह किया है। किसी भी झूठी अफवाह पर विश्वास न करें, सरकार न्यायालय के निर्देशानुसार कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।
हम उसी के अनुसार अपनी व्यवस्था चलाएंगे। हमारी पहली प्राथमिकता जनता का विश्वास, जनता के अनुकूल सरकार है। जनता का विश्वास बनाए रखना हमारा काम है और साथ ही, होने वाली सभी घटनाओं की जानकारी न्यायालय को देना भी हमारा कर्तव्य है।
सोमवार को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार 3 दिसंबर के आदेश के अनुपालन में अपने स्तर पर विषाक्त कचरे के सुरक्षित निपटान के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता नमन नागरथ ने बताया कि राज्य सरकार ने 3 दिसंबर के आदेश का पालन करने के लिए छह सप्ताह का समय मांगा, जिस पर हाईकोर्ट ने सरकार को समय दे दिया। उन्होंने बताया कि मामले की अगली सुनवाई 18 फरवरी को होगी।