मध्य प्रदेश सरकार ने जंगली हाथियों के संरक्षण और मानव-हाथी संघर्ष को कम करने के लिए 47.11 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी है। यह योजना चार वर्षों में लागू होगी और इसमें हाथियों की निगरानी, आवास प्रबंधन और विकास शामिल है।
मध्य प्रदेश सरकार ने जंगली हाथियों के संरक्षण और मानव-हाथी संघर्ष को कम करने के लिए 47.11 करोड़ रुपये की बहुवर्षीय योजना को सैद्धांतिक मंज़ूरी दे दी है। मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया। यह योजना वित्तीय वर्ष 2023-24 से 2026-27 तक चार वर्षों में लागू की जाएगी। योजना के तहत अब तक 2023-24 और 2024-25 में 1.52 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। आने वाले वर्षों के लिए 2025-26 में 20 करोड़ और 2026-27 में 25.59 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। योजना के तहत हाथियों की आम आवाजाही वाले संरक्षित वन क्षेत्रों और उनके बाहर के इलाकों में विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसमें जंगली हाथियों की निगरानी, उनके आवास का प्रबंधन और विकास से जुड़ी गतिविधियाँ शामिल हैं।
निगरानी और इन्फ्रास्ट्रक्चर का विस्तार
हाथियों की निगरानी के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किए जाएंगे और ई-आंख सर्विलांस सिस्टम लगाया जाएगा। साथ ही, मानव और वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे का विकास किया जाएगा। बचाव और पुनर्वास प्रयासों को भी योजना में शामिल किया गया है। प्रभावित क्षेत्रों में संघर्ष प्रबंधन के लिए स्थानीय ग्रामीणों, वन विभाग के कर्मचारियों और अन्य विभागों के अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके साथ ही, सौर ऊर्जा से चलने वाली फेंसिंग सहित विभिन्न प्रकार की बाड़ लगाने का काम होगा।
‘हाथी मित्र दल’ और रैपिड रिस्पांस टीम का गठन
आपात स्थितियों से निपटने के लिए रैपिड रिस्पांस टीम बनाई जाएगी और निगरानी के लिए गश्ती वाहन और रेडियो कॉलर खरीदे जाएंगे। इसके अलावा, ‘हाथी मित्र दल’ का गठन किया जाएगा, जो संरक्षण कार्यों में अहम भूमिका निभाएगा।