नीमच जिले में प्रशासन ने अवैध कब्जों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की, जिसमें 17 बीघा सरकारी जमीन को अतिक्रमणमुक्त कराया गया। इस भूमि की कीमत लगभग 8 करोड़ रुपए आंकी गई है। शिकायतों के आधार पर बुधवार सुबह कार्रवाई की गई, जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों और 150 पुलिसकर्मियों की टीम ने हिस्सा लिया।
मध्य प्रदेश के नीमच जिले में प्रशासन ने अतिक्रमणकारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। सरकारी जमीन पर बुलडोजर चलाकर लगभग 17 बीघा जमीन को अतिक्रमणमुक्त कराया गया है।
बताया गया है कि सरवानिया महाराज नगर परिषद क्षेत्र में स्थित खेड़ापति बालाजी के पास जावी रोड पर शासकीय भूमि पर लंबे समय से अवैध कब्जा चला आ रहा था। इसे मुक्त कराने के लिए जिला प्रशासन ने बुधवार को प्रभावी कार्रवाई की। यह भूमि करीब 17 बीघा है और इसकी कीमत लगभग 8 करोड़ रुपए आंकी गई है। जिला प्रशासन को अतिक्रमण को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इन्हीं शिकायतों के आधार पर यह कार्रवाई की गई।
शिकायतों से यह बात सामने आई कि हकीम पिता अल्लानूर मंसूरी, तालिम हुसैन पिता अल्लानूर मंसूरी, सागरमल पिता मोहनलाल पाल और मोहनलाल पिता भेरूलाल तेली ने उक्त भूमि पर अवैध कब्जा कर निर्माण कार्य किया था। मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन ने अतिक्रमण को हटाने के लिए रूपरेखा तैयार की और बुधवार तड़के सुबह 5 बजे पूरी टीम सरवानिया महाराज पहुंची। एसडीएम प्रीति संघवी के नेतृत्व में तहसीलदार नवीन गर्ग, थाना प्रभारी जितेन्द्र वर्मा, चौकी प्रभारी श्याम कुमावत, मुख्य नगर पालिका अधिकारी अब्दुल रऊफ खान, राजस्व निरीक्षक, पटवारी सहित नगर परिषद का अमला तथा 150 पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में कार्रवाई को अंजाम दिया गया।
अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराई गई जमीन पर फिर कोई दोबारा कब्जा न कर सके, इसके लिए वहां खाई खोदी गई। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया कि शासकीय भूमि पर कब्जा करने वालों के खिलाफ इसी तरह सख्त कदम उठाए जाते रहेंगे। इसके साथ ही, राज्य के अनेक हिस्सों में बारिश से पूर्व अतिक्रमण हटाने और जर्जर मकानों को गिराने का अभियान चलाया जा रहा है। इंदौर में तीन जर्जर मकानों को नगर निगम ने गिराया है। इसी तरह छिंदवाड़ा में भी अतिक्रमण हटाए जा रहे हैं।