जो मनुष्य आत्मनिर्भर है वो इस संसार का सबसे शक्तिशाली मनुष्य है
जितना ऊंचा विचार होगा व्यक्ति उतने ऊंचे काम करता है
चित्रलेखा जी का मानना है कि आचरण का एक सबसे मूल्यवान तत्व विश्वास होता है
ये सच है कि एक ही वस्तु हर किसी को सुख नहीं दे सकती है
अतीत आपको एक पहचान देता है और भविष्य मुक्ति का वादा करता है यह दोनों ही भ्रम हैं
शक हमेशा रिश्तों को तोड़ता है और प्रेम से तो अजनबी भी बंध जाता है
हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना ही सफलता का रहस्य है
ख्वाहिशों के दाम ऊंचे हो सकते हैं मगर ख्वाहिशें कभी महंगी नहीं हो सकती हैं