इंसान सोते समय अलग-अलग तरह के सपने देखता है। इनमें से कुछ अच्छे होते हैं तो कुछ बुरे
रिसर्च के मुताबिक, इंसान सोते समय नकारात्मक या अप्रिय सपने ज्यादा देखता है
इंसान के नींद में देखे जाने वाले सपनों में 60 से 70 प्रतिशत सपने निगेटिव होते हैं
इन नेगेटिव सपनों में डर, चिंता या किसी खतरे का सामना करना आम है
थ्रेट सिमुलेशन थ्योरी के मुताबिक, इस तरह के सपने इंसान को रियल लाइफ के लिए तैयार करते हैं
जब व्यक्ति दिनभर तनाव, डर या चिंता को एक्सपीरियंस करता है तो ये भावनाएं सपनों में दिखाई देती है
जो लोग हमेशा पॉजिटिव रहते हैं, चिंता नहीं करते उनका अच्छे सपने आते हैं
पॉजिटिव या नेगेटिव सपने इंसाने के जीवन में चल रहे बदलाव के ऊपर निर्भर करते हैं
कहा जाए तो नकारात्मक और सकारात्मक सपने इंसाने के जीवन का एक हिस्सा है जो समय के हिसाब से बदलता रहता है