Munawar Faruqui Poetries: “दफन है मुझमे कितने गम…” पढ़ें मुनव्वर फारूकी की बेहतरीन शायरियां - Punjab Kesari
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Munawar Faruqui Poetries: “दफन है मुझमे कितने गम…” पढ़ें मुनव्वर फारूकी की बेहतरीन शायरियां

Munawar Faruqui Poetries: तुम ज़िद करके बैठे हो मेरा नाम नही लोगों
फिर यूं याद करके हिचकियाँ

Munawar Faruqui Poetries

टूटने से इनकी खविश होती पूरी

सही कहते है में सितारा बन गया हूँ !!

Munawar Faruqui

रुसवा तो तू भी कर दूं.  लेकिन बाकी मुझे अभी भी याद है

पूरा शहर मेरा मुरीद. बस तेरा मोहल्ला मेरे खिलाफ है..

Munawar Faruqui

तुम ज़िद करके बैठे हो मेरा नाम नही लोगों

फिर यूं याद करके हिचकियाँ क्यों दे रहे हो !!

Munawar Faruqui

कुछ रास्ता लिख देगा, कुछ में लिख दूंगा

तुम लिखते जाओ मुस्किले , में मंज़िल लिख दूंगा !!

Munawar Faruqui

दफन है मुझमे कितने गम न पूछो

बुझ बुझ के जो रोशन रहा वो मुनावर हूँ में !!

Munawar Faruqui

कहना शायद मुश्किल होगा, मुझहे कितना चाहता हूँ,

तुझे आने वाली हिचकियों के लिए माफी चाहता हूँ!!

Munawar Faruqui

फल ही इतने लगे हुए थे इस पेड़ पे

लोगों का पत्थर मरना लाजमी था !!

Munawar Faruqui

वो झूठे वादे करते है, मगर मिलने नही आते ,

हम भी कम्बख़त इश्क़ से बाज नही आते !!

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वो गुमनामि में जी रहे है खुदकी वफ़ा की

जिन्हें बस मेरी कोई याद मत दिलाना !!

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