जवानी में कई ग़ज़लें अधूरी छूट जाती हैं
कई ख़्वाहिश तो दिल ही दिल में पूरी छूट जाती हैं
जुदाई में तो मैं उससे बराबर बात करता हूं
मुलाक़ातों में सब बातें अधूरी छूट जाती हैं
जो मैं या तुम समझ लें वो इशारा कर लिया मैंने
भरोसा बस तुम्हारा था तुम्हारा कर लिया मैंने
लहर है हौसला है रब है हिम्मत है दुआएं हैं
किनारा कर ने वालों से किनारा कर लिया मैंने
मैं अपने गीत ग़ज़लों से उसे पैग़ाम करता हूं
उसी की दी हुई दौलत उसी के नाम करता हूं
हवा का काम है चलना दीये का काम है जलना
वो अपना काम करती है मैं अपना काम करती हूं
किसी के दिल की मायूसी जहां से होके गुज़री है
हमारी सारी चालाकी वहीं पर खोके गुज़री है
तुम्हारी और मेरी रात में बस फ़र्क़ इतना है
तुम्हारी सोके गुज़री है हमारी रोके गुज़री है
पुकारे आंख में चढ़कर तो ख़ूं तो ख़ूं समझता है
अंधेरा किसको कहते हैं ये बस जुगनू समझता है
हमें को चांद तारों में भी तेरा रूप दिखता है
मोहब्बत को नुमाइश को अदाएं तू समझता है
मोहब्बत एक एहसासों की पावन सी कहानी है
कभी कबिरा दिवाना था कभी मीरा दिवानी है
यहां सब लोग कहते हैं मेरी आंखों में आंसू हैं
जो तू समझे तो मोती है जो ना समझे तो पानी है
समंदर पीर का अंदर है लेकिन रो नहीं सकता
ये आंसू प्यार का मोती है इसको खो नहीं सकता
मेरी चाहत को अपना तू बना लेना मगर सुन ले
जो मेरा हो नहीं पाया वो तेरा नहीं हो सकता
तेरी झीलों की मोहब्बत में है पागल बादल
मां के माथे पे दमकते हुए पावन आंचल
तेरी सरगोशी पे कुर्बान मेरा पूरा वतन
मेरे कश्मीर मेरी जान मेरे प्यारे चमन
तेरी झीलों की मोहब्बत में है पागल बादल
मां के माथे पे दमकते हुए पावन आंचल
तेरी सरगोशी पे कुर्बान मेरा पूरा वतन
मेरे कश्मीर मेरी जान मेरे प्यारे चमन