हिंदू धर्म में सिंदूर और कुमकुम दोनों का ही बहुत महत्व है। कई लोग इन्हें एक ही मान लेते हैं
लेकिन सिंदूर एक लाल, नारंगी और पिंक कलर का पाउडर होता है, ये आमतौर पर सिर्फ शादीशुदा महिलाएं लगाती हैं। सिंदूर लगाना बताता है कि महिला सुहागिन है
सिंदूर का रंग रहने की जगह को दर्शाता है। लाल रंग का सिंदूर भारत के आधे से ज्यादा हिस्सों में लगाया जाता है। जबकि पिंक और नारंगी भारत के पू्र्वी भाग में महिलाएं लगाती है
कुमकुम भी सिंदूर की तरह होता है लेकिन इसका महत्व और अर्थ दोनों ही अलग होता है
कुमकुम पूजा, अनुष्ठानों, धार्मिक समारोहों और त्योहारों पर भगवान की तस्वीर या मूर्ति पर लगाया जाता है। इसके अलावा लोगों को जो तिलक लगता है वह भी कुमकुम होता है
कुमकुम को माथे पर लगाया जाता है। इसे विवाहित और अविवाहित महिलाएं दोनों इस्तेमाल कर सकती है
भारत के कुछ हिस्सों में कुमकुम पैरो पर आलता की जगह पर भी लगाया जाता है। कुमकुम के लाल रंग को शुभता, उत्साह और साहस का प्रतीक माना गया है
शादीशुदा महिलाएं अपना सिंदूर किसी अन्य महिला के साथ शेयर न करें। क्योंकि ये अपशगुन माना जाता है