सिख धर्म में एक खास लाइन कही जाती है: “वाहे गुरु का खालसा, वाहे गुरु जी की फतेह”
यह लाइन दूसरे धर्म के लोग शायद पूरी तरह से नहीं समझते
इस लाइन का मतलब है: “ईश्वर की सम्पत्ति और ईश्वर की विजय”
इसका अर्थ है कि सब कुछ ईश्वर का है और अंत में विजय भी उसी की होगी
“वाहे गुरु” शब्द गुरु ग्रंथ साहिब में बताया गया है
“वाहे गुरु” से भगवान को पुकारा जाता है
इस लाइन का सिख धर्म में बहुत महत्व है
यह लाइन ईश्वर की महानता को बताता है
सिख धर्म में इसे अरदास के समय, पाठ शुरू या खत्म होने पर बोला जाता है