Gulzar Poetry: गुलज़ार जी की कलम से 8 खूबसूरत शेर - Punjab Kesari
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Gulzar Poetry: गुलज़ार जी की कलम से 8 खूबसूरत शेर

Gulzar Poetry: गुलज़ार जी के 8 बेहतरीन शेर जो दिल को छू जाते हैं

writing

आंखों से आंसुओं के मरासिम पुराने हैं
मेहमां ये घर में आएं तो चुभता नहीं धुआं

pen

यूं भी इक बार तो होता कि समुंदर बहता
कोई एहसास तो दरिया की अना का होता

nature

आप के बाद हर घड़ी हम ने
आप के साथ ही गुज़ारी है

flowers 1

दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई
जैसे एहसान उतारता है कोई

flowers 3

तुम्हारी ख़ुश्क सी आंखें भली नहीं लगतीं
वो सारी चीज़ें जो तुम को रुलाएं, भेजी हैं

flowers 2

हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते
वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते

flowers

ज़मीं सा दूसरा कोई सख़ी कहां होगा
ज़रा सा बीज उठा ले तो पेड़ देती है

book

खुली किताब के सफ़्हे उलटते रहते हैं
हवा चले न चले दिन पलटते रहते है

Nirmala SitharamanBudget 2025: बजट 2025 के लिए वित्त मंत्री निर्मला सितारमन के 8 बड़े एलान

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