“वो बनारसी साड़ी में आयी नंगे पाओं और छाप दिल पर छोड़ गई”
“ऐसी उलझी नजर उनसे हटती नहीं”
“उसे मेरे उस झुमके से ज्यादा, मेरे माथे की बिंदी से प्यार है”
“रंग बदलती इस दुनिया में मुझे मेरा बेरंग होना अच्छा लगा”
“बाल भी खुले थे उसके काजल भी लगा रखा था, उसके झुमके ने तो अलग ही उधम मचा रखा था”
“मुझे मैं पसंद हूं, बस इतना ही काफी हैं”
“इन्हीं को सुकून, इन्हीं को कहर लिखा हैं, हमने तेरी निगाहों को खूबसूरत शहर लिखा हैं”
“ज़रूरी था तस्वीर लेना भी आईना कभी बिता हुआ वक्त नहीं बताता..”
“माना कि सादगी का दौर नहीं मगर सादगी से अच्छा कुछ और नहीं”