Akbar Allahabadi Poetry: अकबर इलाहाबादी के खजाने से 8 खूबसूरत शेर - Punjab Kesari
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Akbar Allahabadi Poetry: अकबर इलाहाबादी के खजाने से 8 खूबसूरत शेर

Akbar Allahabadi Poetry: अकबर इलाहाबादी की शायरी का अनमोल खजाना

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लोग कहते हैं कि बदनामी से बचना चाहिए 
कह दो बे उसके जवानी का मज़ा मिलता नहीं

उन्हीं की बे-वफ़ाई का ये है आठों-पहर सदमा 
वही होते जो क़ाबू में तो फिर काहे को ग़म होता

आंखें मुझे तलवों से वो मलने नहीं देते 
अरमान मिरे दिल के निकलने नहीं देते

इस गुलिस्तां में बहुत कलियां मुझे तड़पा गईं
क्यूं लगी थीं शाख़ में क्यूं बे-खिले मुरझा गईं

इश्क़ नाज़ुक-मिज़ाज है बेहद
अक़्ल का बोझ उठा नहीं सकता

हम आह भी करते हैं तो हो जाते हैं बदनाम 
वो क़त्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होता

दुनिया में हूं दुनिया का तलबगार नहीं हूं 
बाज़ार से गुज़रा हूं ख़रीदार नहीं हूं

इश्क़ के इज़हार में हर-चंद रुस्वाई तो है 
पर करूं क्या अब तबीअत आप पर आई तो है 

punjabkesari 2F2025 01 23 2F7n8vgztq 2Fimage 9Peaceful Quotes: अशांत मन को शांति की ओर ले जाएंगे ये पावरफुल कोट्स

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