जम्मू-कश्मीर सरकार की दरबार स्थानान्तरण प्रक्रिया के तहत राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर स्थित सचिवालय और अन्य कार्यालयों में सोमवार से कामकाज शुरू हो गया। श्रीनगर स्थित सचिवालय, राजभवन, पुलिस मुख्यालय और कई आयोगों के कार्यालय सोमवार को फिर खुल गये और वहां कामकाज शुरू हो गया। किसी भी तरह के विरोध-प्रदर्शन या आतंकवादी हमले को नाकाम करने के लिए नागरिक सचिवालय की ओर जाने वाले रास्तों के बाहर और अंदर की सुरक्षा को बढ़ दिया गया है।
सुरक्षा बलों ने डॉग स्कवॉड की मदद से सचिवालय के सड़क किनारे खड़ वाहनों की जांच की। जम्मू-कश्मीर ही देश में अकेला ऐसा राज्य है जिसकी दो राजधानी हैं और हर छह महीने पर पिछले 150 वर्षों से ‘दरबार’ का जम्मू और श्रीनगर के बीच स्थानान्तरण कराया जाता रहा है। श्रीनगर में कार्यालयों का कामकाज राज्यपाल सत्य पाल मलिक को सचिवालय की लॉन में औपचारिक रूप से सलामी और पारंपरिक ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ देने के साथ शुरू हुआ।
सचिवालय और अन्य संबंधित कार्यालयों में 26 अप्रैल को शीतकालीन राजधानी में वार्षिक कामकाज को ‘दरबार स्थानान्तरण’ के लिए बंद कर दिया गया था। गौरतलब है कि दरबार स्थानांतरण पर राज्य सरकार के हर वर्ष लाखों रुपये खर्च होते हैं और दो सप्ताह तक प्रशासनिक कार्य प्रभावित रहता है। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और कई अन्य नेता इन कार्यालयों के स्थानांतरण का समय-समय पर का विरोध करते रहे हैं।