एक नागरिक संगठन ने आज बयान जारी कर कहा कि कश्मीर घाटी में हिंसा थमने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे और विभिन्न तबकों की ओर से ‘‘ बदला लेने की बातें ’’ और ‘‘ बेरोकटोक सरेआम बयानबाजी ’’ करने से हिंसा और भड़क ही रही है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष वजाहत हबीबुल्ला सहित कई अन्य जानीमानी हस्तियों की सदस्यता वाले ‘ कन्सर्न्ड सिटिंजस ग्रुप ’ ने हिंसा में हुई बढ़ोतरी पर गहरा दुख जताया और कहा कि मौजूदा संकट का समाधान राजनीतिक संवाद में ही है।
संगठन ने कहा , ‘‘ हम कश्मीर में हिंसा में हुई हालिया बढोतरी से दुखी हैं। इससे आम लोगों और सुरक्षा बलों के जवानों की जिंदगी को नुकसान हुआ , जिससे बचा जा सकता था। दुखद यह है कि हिंसा थमने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे। बल्कि , विभिन्न तबकों की ओर से बेरोकटोक बयानबाजी और बदला लेने की बातें करने से यह और भड़क ही रही है। ’’
इस बयान पर लेखक राजमोहन गांधी , दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ए पी शाह , कैबिनेट सचिवालय में पूर्व विशेष सचिव वप्पला बालाचंद्रन , पूर्व एयर वाइस मार्शल कपिल काक , विदेश मंत्रालय में पूर्व सचिव के सी सिंह , वरिष्ठ पत्रकार भारत भूषण और सेंटर फॉर डायलॉग एंड रीकन्सीलिएशन की सुशोभा बर्वे के भी दस्तखत हैं।
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