जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ कानून को लेकर भारी हंगामा हुआ, जहां नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायकों ने स्पीकर अब्दुल रहीम राथर के फैसले का विरोध किया। उन्होंने वक्फ संशोधन अधिनियम पर चर्चा की मांग की, जिसे स्पीकर ने न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण अस्वीकार कर दिया।
जम्मू और कश्मीर विधानसभा का सत्र शुरू होते ही वक्फ कानून को लेकर जमकर हंगामा हुआ। नेशनल कॉन्फ्रेंस के सदस्यों ने वक्फ कानून का विरोध किया साथ ही उन्होंने स्पीकर अब्दुल रहीम राथर के वक्फ संशोधन अधिनियम पर उनके स्थगन प्रस्ताव को खारिज करने के फैसले का भी विरोध किया। बता दें कि जैसे ही सत्र शुरू हुआ, विपक्षी विधायकों ने वक्फ अधिनियम में किए गए संशोधनों पर चर्चा की मांग की। इस दौरान स्पीकर राथर ने कहा कि इस मामले को स्थगन प्रस्ताव के तहत नहीं उठाया जा सकता क्योंकि यह वर्तमान में न्यायालय में विचाराधीन है।
#WATCH | जम्मू: जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ संशोधन अधिनियम पर स्थगन प्रस्ताव को स्पीकर द्वारा अस्वीकार किए जाने के बाद हंगामा हुआ।
स्पीकर अब्दुल रहीम राथर ने कहा, “…मैंने नियम देखे हैं और नियम 58 के अनुसार, जो भी मामला न्यायालय में विचाराधीन है, उसे स्थगन के लिए नहीं लाया… pic.twitter.com/Vabqsd3CRP
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 7, 2025
स्पीकर अब्दुल रहीम राथर का बयान
स्पीकर अब्दुल रहीम राथर ने कहा कि नियमों के अनुसार, कोई भी मामला जो न्यायालय में विचाराधीन है, उसे स्थगन के लिए लाया जा सकता है। क्योंकि यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में है और मुझे इसकी एक प्रति मिली है, इसलिए नियम स्पष्ट रूप से कहता है कि हम स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से चर्चा नहीं कर सकते। बता दें कि एनसी विधायक तनवीर सादिक ने स्थगन प्रस्ताव पेश किया। इसके तुरंत बाद, एनसी विधायक वेल के पास जाने लगे, लेकिन मार्शलों ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद एनसी विधायकों ने नारे लगाए, “बन्द करो बन्द करो वक्फ बिल को बन्द करो।
विधेयक का उद्देश्य
बता दें कि राज्यसभा ने 4 अप्रैल को बिल को 128 वोटों के पक्ष में और 95 वोटों के विरोध में पारित किया, जबकि लोकसभा ने लंबी बहस के बाद बिल को मंजूरी दे दी, जिसमें 288 सदस्यों ने इसके पक्ष में और 232 ने इसके विरोध में मतदान किया। विधेयक का उद्देश्य पिछले अधिनियम की कमियों को दूर करना और वक्फ बोर्डों की दक्षता बढ़ाना, पंजीकरण प्रक्रिया में सुधार करना और वक्फ रिकॉर्ड के प्रबंधन में प्रौद्योगिकी की भूमिका बढ़ाना है।