जम्मू-कश्मीर के जोजिला में शनिवार रात तापमान -18° सेल्सियस पहुंच गया। मौसम विभाग का अनुमान है कि रविवार रात को पारा -25° सेल्सियस और सोमवार रात को -29° सेल्सियस तक गिर सकता है। श्रीनगर का तापमान -0.5° सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। हालांकि, दिसंबर का पहला हफ्ता के बाद भी उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में सर्दी की चुभन महसूस नहीं हो रही। ज्यादातर शहरों में दिन का तापमान 25 से 31° सेल्सियस है। जबकि, इस समय तक इन इलाकों का तापमान 22 से 28° सेल्सियस के बीच रहता है। ऐसा गंगा और सिंधु नदी बेसिन में बर्फ का स्तर कम होने से हो रहा। इन इलाकों में स्नोकवर छह साल के सबसे निचले स्तर पर है। गंगा नदी बेसिन में तो यह पिछले साल की तुलना में 40% तक कम है। सिंधु नदी बेसिन में 10 से 20% तक कम है।
उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी हवा चलने से पड़ती है कड़ाके की ठंड
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, सर्दी में भी बर्फ का स्तर घटता-बढ़ता रहता है। दरअसल, अमूमन हफ्ते में एक-दो बार बर्फबारी होती है। इस बार मानसून खत्म होने के बाद आए सभी पश्चिमी विक्षोभ कमजोर थे। इस चलते बर्फबारी कम हुई और स्नोकवर जितना बढ़ना चाहिए था, वह नहीं बढ़ा। हिमालय से आने वाली उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी हवा चलने से ही उत्तर से मध्य भारत के मैदानी इलाकों में कड़ाके की ठंड पड़ती है। सीजन में जितने ज्यादा सक्रिय और लंबे पश्चिमी विक्षोभ आते हैं, सर्दी उतनी ज्यादा पड़ती है।
संभव है आखिरी हफ्ते में अच्छी सर्दी महसूस हो
इस बार उत्तर से मध्य भारत तक सभी राज्यों में औसत तापमान सामान्य से ज्यादा है। पिछली सर्दी में दिसंबर से फरवरी तक अल-नीनो परिस्थितियां थीं। उसके बावजूद हिमालय पर सामान्य से ज्यादा स्नोकवर के कारण ही ज्यादा सर्दी पड़ी थी। स्काईमेट के साइंटिस्ट महेश पलावत ने बताया कि IMD समेत कई मौसमी मॉडल्स ने संकेत दिए हैं कि दिसंबर में तापमान सामान्य से ज्यादा रह सकता है। मतलब पश्चिमी विक्षोभ कम आएंगे और कम सक्रिय रहेंगे। संभव है कि दिसंबर के आखिरी हफ्ते में अच्छी सर्दी महसूस हो।